नई दिल्ली : कथित पीड़ित महिला द्वारा नंदनगरी थाने में तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया है। पुलिस ने आइपीसी की धारा 509 और 67 ए के तहत अभद्र भाषा का प्रयोग करने और निजी चीज को सोशल साईट पर डालने का मामला दर्ज किया है। जी न्यूज चैनल द्वारा इस मामले को तोड़मरोड़ कर दिखाने पर कुमार विश्वास ने उसे नीचतापूर्ण हरकत करार दिया है। उन्होंने कहा है कि मुझे महिला आयोग से कोई नोटिस नहीं प्राप्त हुआ है। जी न्यूज चैनल का जो एडिटर सौ करोड़ रुपए मांगते हुए पकड़ा गया, वो ये घिनौनी अफवाह फैला रहा है। मैं उस पर मानहानि का दावा करने जा रहा हूं। गौरतलब है कि इससे पहले भी जी न्यूज ने कुमार विश्वास को टारगेट किया था। जंतर मंतर पर किसान की आत्महत्या के मामले में मशहूर बॉलिवुड सिंगर सोनू निगम के ये कहने पर कि कुमार विश्वास को लांछित करना गलत है, चैनल ने सोनू से छह करार रद्द कर दिए।
उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास को उनकी ही पार्टी की एक महिला ने निशाने पर ले लिया है। ये महिला पिछले लोकसभा चुनावों में कुमार विश्वास का प्रचार करने के लिए अमेठी भी गई थी। महिला का आरोप है कि कुमार विश्वास से संबंध की अफवाह के चलते उसकी पारिवारिक जिंदगी तबाह होने के कगार पर है। महिला चाहती है कि कुमार विश्वास इस पूरे मामले पर सफाई दें, ताकि उसकी पारिवारिक जिंदगी बच सके। उसने विश्वास की पत्नी पर बदनाम करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वह लोगों से कह रही है कि उसने अमेठी में उसे विश्वास के साथ पकड़ा था। सोशल मीडिया पर भी उसकी छवि खराब की जा रही है और इतना सब होने के बावजूद कुमार इसका सार्वजनिक तौर पर खंडन नहीं कर रहे हैं। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा सिंह का कहना है कि शिकायतकर्ता ने पुलिस कमिश्नर, अरविंद केजरीवाल को भी शिकायत भेजी थी। कुमार विश्वास को सामने आकर इस मसले पर अपना पक्ष रखना चाहिए।
कुमार विश्वास ने आरोपों को तथ्यहीन बताते हुए कहा कि ऐसी नीचतापूर्ण हरकत नहीं होनी चाहिए। उस महिला ने उन्हें एक मेल किया था। उसमें स्पष्ट रूप से भैया सम्बोधित करते हुए लिखा था कि मैंने एक शिकायत दर्ज करवाई है। अब बताइए मुझे क्या करना चाहिए? उस महिला ने अपनी शिकायत में अवैध संबंध का जिक्र तक नहीं किया है, फिर भी मुझे बदनाम किया जा रहा है। कुछ मीडिया वाले जानबूझकर मेरे खिलाफ खबरें दिखा कर बदनाम कर रहे हैं। वो ये भूल जाते हैं कि घर परिवार उनके भी हैं। मैं उनके खिलाफ मानहानि का दावा करने जा रहा हूं।
उन्होंने कहा कि उस महिला ने पूरे मेल में लिखा है, भैया आगे क्या करना है। अवैध संबंध कहा जा रहा है, ये सब मत करिए। लोगों में ऐसे चैनल के खिलाफ घृणा भरेगी। कई शुभचिंतकों के फोन आए कि आप राजनीति छोडि़ए। राजनीति छुड़वाने के लिए आरोप लगाए जा रहे हैं। उनके (न्यूज चैनल) एडिटर 100 करोड़ मांगते पकड़े गए हैं। मैं न्यूज चैनल को नोटिस भेज चुका हूं। वो अपनी चमचागिरी चालू रखे। इस तरह की नीचतापूर्ण हरकत न करे।
विश्वास ने इस मामले में भाजपा और कांग्रेस को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि दिल्ली में एक पार्टी 3 सीटों पर और दूसरी शून्य पर सिमट कर रह गई, ऐसी पार्टी के नेता मेरे खिलाफ गलत प्रचार कर रहे हैं। नेताओं को नैतिक अनुशासन रखना चाहिए। हम आखिरी सांस तक लड़ेंगे। मुझे महिला आयोग से कोई नोटिस नहीं प्राप्त हुआ है। हम डरने वाले नहीं हैं। हमारे इरादे कमजोर होने वाले नहीं हैं। पंजाब जा रहे हैं, दिखा देंगे। पंजाब के एक-एक खेत से आवाज उठेगी। उन्होंने इस पर ट्वीट में भी लिखा है कि ‘नोटिस में कुमार विश्वास के संबंध का जिक्र नहीं है। महिला के मुताबिक कुछ लोग उसे बदनाम कर रहे हैं। महिला ने आयोग से कार्रवाई की मांग की है।’
इस बीच आम आदमी पार्टी भी कुमार विश्वास के बचाव में उतर आई है। पार्टी ने कुमार पर लग रहे आरोपों को आधारहीन बताया है। आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कुमार विश्वास पर लग रहे आरोपों पर कहा कि इस मामले में आधारहीन खबरें चलाईं जा रही रही हैं। महिला ने अपनी शिकायत में अवैध संबंधों का जिक्र नहीं किया है, बल्कि उसे बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, ऐसा कहा है। उन्होंने कहा कि उस महिला ने 31 मार्च को 4 लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसने उसके बाद महिला आयोग से शिकायत की। इस संबंध में कोई प्रमाण हो तो सामने लाए जाने चाहिए।
Takur Dhruv
May 4, 2015 at 5:09 pm
ये तो होना ही था ….जो थोडे पहले होना चाहिए वो धीरे-धीरे सामने आ रहा है….पार्टी का चेहरा बेनकाब हो रहा है…जनता को जिससे उम्मीद थी पार्टी ने उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया…जब कवि साहब की हकीकत बाहर आई तो मीडिया पर बरसने लगे….अब संपादक साहब पर अपना भड़ास निकालने लगे…क्या आप दूध के धुले है…जिसने आप पर आरोप लगाया वो गलत है…और आप सहीं है…आप ने मीडिया से बात करते हुए बोला की कोई माई का लाल जिसने अपनी मां का दूध पिया हो सामने आकर बोले…मै भी आप से यही पूछना चाहता हूं की आप भी अपनी मां का दूध पिए है….मीडिया के सामने आकर क्यों नहीं कहते की किसान को फंदा तक पहुचाने में आप का हाथ रहा है….और आप कौन होते है सुधीर जी पर सवाल करने वाले…कितने आए और चले गए….
vedprakash mandle
May 14, 2015 at 9:24 am
ज़ी मीडिया पक्षपात करता है और सिर्फ एक ही राजनीतिक पार्टी के पक्ष में खबर दिखता है. मैं दिन भर सभी न्यूज़ चैनलों के न्यूज़ देखते रहता हूँ. ज़ी मीडिया जब से लोकसभा चुनाव हुए है और माननीय मोदी जी प्रधानमंत्री बने है ज़ी मीडिया उनकी ब्रांडिंग में लगा हुआ है. उनके चैनल में मोदी जी के बारे में नकारात्मक खबरे नहीं दिखाई जाती. लेकिन विरोधी पार्टियो के बारे में कोई नकारात्मक खबर आती है तो उससे ये लोग मीडिया ट्रायल कर देते है. खबरों को ऐसे तोड़ मरोड़कर पेश करते है जिससे मोदी जी की छवि को नुक्सान न हो. और ये सब इसलिए कर रहे है ताकि 100 करोड़ रु उगाही का केस जो इनके खिलाफ चल रहा है उसमे इनको सरकार से मदद मिल सके. पुरे देश ने देखा कैसे इनके संपादक 100 करोड़ रु मांग रहे थे. 4 साल हो गए उस केस को लेकिन अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है. दोनों संपादक जमानत पर बाहर है. मैं सभी लोगो से कहना चाहूँगा की जब तक ये चैनल इस केस से बरी नहीं हो जाता तब तक इस ज़ी न्यूज़ को न देखे. इस चैनल को देखने से अइसा लगता है जैसे किसी एक राजनितिक पार्टी का प्राइवेट चैनल है.