यशवंत जी, आपका ध्यान लल्लनटाप वालों की नई करतूत की तरफ दिला रहा हूं. ‘पाद के कितने प्रकार’ टाइप खबर बेचते बेचते अब ये टीशर्ट बेचने का भी धंधा करने लगे हैं. मेरा ध्यान अचानक इनके द्वारा सोशल मीडिया पर प्रमोटेड विज्ञापन पर गया जिसमें लल्लनटाप टीशर्ट खरीदने के लिए लिंक दिया गया था.
सोचिए, आजतक समूह वालों की वेबसाइट लल्लनटाप ने खबरों को बेचते बेचते अब टीशर्ट बेचने का धंधा शुरू कर दिया गया है. हो सकता है आने वाले दिनों में इनके पाद के प्रकार बताने वाले पत्रकारों को ये टीशर्ट बेचने का टारगेट दे दिया जाए. जरा इन टीशर्ट्स के दाम (500 रुपये में दो) तो देखिए. इस दाम में तो दो नहीं बल्कि चार बहुत बढ़िया क्वालिटी वाली टीशर्ट्स आ जाएंगी.
सबसे बड़ी बात ये है कि आखिर अरुण पुरी को हो क्या गया है. कभी अच्छे खासे पत्रकार रहे अरुण पुरी अब टीशर्ट बिकवाने लगे हैं? क्या इनकी माली हालत इतनी खराब हो गई है? या फिर मीडिया ब्रांड के सहारे ये परचून की दुकान खोलकर कमाई करना चाहते हैं? जो भी हो, पर लल्लनटाप वाले अपनी इस हरकत से चिरकुटछाप जरूर लगने लगे हैं.
-भड़ास4मीडिया को एक पाठक द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
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Comments on “‘लल्लनटाप’ वाले खबर बेचते-बेचते अब टीशर्ट भी बेचने लगे!”
लल्लनटॉप वाले न्यूज़ में तो गुमराह करते ही है अब 500 में 4 वाली टीशर्ट 500 में 2 दे रहे है
ओ भड़वे, तेरी क्यों सुलग रही है? उगाही करके गुजारा नहीं हो रहा क्या दलाल। तेरी गाँव में गूदा हो तो एक पैसे की चीज किसी को बेच के देख ले। तू साला भिखारी।