यूपी के महोबा जिले से खबर है कि बीजेपी के जिला मीडिया प्रभारी के रूप में कार्यरत शशांक गुप्ता पर एक विधवा महिला ने बदनीयत रखने और उसे व उसके बच्चों को प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगाया है. महिला ने जान से मारने की साजिश का आरोप लगाते हुए पुलिस के आला अधिकारियों से सुरक्षा की गुहार लगाई है. उधर, आरोपी बीजेपी नेता ने अपने उपर लगे आरोपों को निराधार बताया है.
शहर के गांधीनगर इलाके में रहने वाली विधवा महिला रौली गुप्ता का आरोप है कि उसके पति मनीष गुप्ता की मौत के बाद से उसके चचेरे ससुर जयनारायण गुप्ता और देवर शशांक गुप्ता उसे प्रताड़ित कर रहे हैं. महिला बताती है कि शशांक गुप्ता द्वारा पिछले 2 महीना से प्रताड़ित करने का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है. पीड़िता महिला का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी शशांक गुप्ता उर्फ़ शैलू उसका चचेरा देवर है जो उस पर बदनीयत रखता है. उसके घर के बेडरूम के सामने सीसीटीवी कैमरा तक लगा दिया गया है. जब इसका विरोध किया गया तो उसे जान से मारने तक की धमकी दी गई.
महिला का आरोप है कि उसके नाबालिक बच्चों से भी गाली गलौज किया जाता है और उन्हें सताना बदस्तूर जारी है. भाजपा का जिला मीडिया प्रभारी होने के कारण उसका पुलिस और प्रशासन पर दबाव है जिस कारण शिकायत के बावजूद भी पुलिस कोई कार्यवाही नहीं कर रही है.
पीड़ित महिला का कहना है कि उसने भाजपा के तमाम बड़े नेताओं, अधिकारियों को आपबीती बताई लेकिन उसे न्याय नहीं मिल पा रहा है. आते-जाते उसके पीछे गुंडे लगा दिए जाते हैं और धमकाया जाता है.
उसका यह भी आरोप है कि आंगन के ऊपर खिड़की खोल कर आरोपी बीजेपी नेता गंदी गंदी हरकतें भी करता है जिससे पूरा परिवार डरा सहमा है.
पीड़िता रौली गुप्ता अपने पति की मौत के हालात पर सवाल उठाती हैं और बीजेपी नेता पर गंभीर आरोप लगाती हैं.
महिला का आरोप है कि शशांक गुप्ता जबसे भाजपा का मीडिया प्रभारी बना है उसे और उसके बच्चों को जीने नहीं दे रहा! उसकी बदनीयती और प्रताड़ित करने का सिलसिला लगातार जारी है! उसे डर है कि कहीं उसकी और उसके बच्चों की हत्या न कर दी जाए!
वहीं दूसरी तरफ इस पूरे मामले पर बीजेपी के मीडिया प्रभारी शशांक गुप्ता ने कहा कि उन पर सभी आरोप निराधार लगाए गए हैं. ये मामला संपत्ति विवाद का है. उसका कहना है कि महिला के आरोप गलत हैं, उसे बदनाम किये जाने की कोशिश की जा रही है.
बहरहाल मामले की क्या सच्चाई है ये तो जांच का विषय है लेकिन इतना तो साफ है कि जब बीजेपी नेताओं पर ही महिलाओं के अपमान और उन्हें अपमानित करने के आरोप लग रहे हों तो फिर मिशन नारी शक्ति के नारे ऐसी पीड़ित महिलाओं के लिए बेमतलब ही साबित हो रहे हैं.
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