उत्तराखंड के मलेथा में खनन माफिया के खिलाफ आंदोलन चला रहे समीर रतूड़ी के आमरण अनशन को लेकर भड़ास4मीडिया पर खबर छपने के बाद उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार सक्रिय हो गई. उत्तराखंड सरकार ने दोषी पुलिस वालों पर कार्रवाई की मांग मान ली है. खनन माफिया से अपनी जमीन मुक्त कराने के लिए आंदोलनरत ग्रामीणों और नेतृत्व कर रहे युवा सोशल एक्टिविस्ट व पर्यावरणविद समीर रतूड़ी पर पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज किया था. इसके बाद समीर रतूड़ी ने दोषी पुलिसवालों पर कार्रवाई की मांग को लेकर अन्न जल त्याग दिया.
अन्न जल त्यागने का आज सातवां दिन था. समीर रतूड़ी की हालत बेहद खराब हो चली थी. भड़ास4मीडिया ने समीर रतूड़ी से बातचीत कर पूरे मामले को विस्तार से प्रकाशित किया. साथ ही इस प्रकरण को सोशल मीडिया पर जोरशोर से प्रचारित किया. इसका नतीजा हुआ कि रात होते होते उत्तराखंड सरकार सक्रिय हो गई. मुख्यमंत्री हरीश रावत के विशेष प्रतिनिधि प्रवीण भंडारी और किशोर उपाध्याय के प्रतिनिधि शांति भट्ट धरनास्थल पर पहुंचे. दोनों ने समीर रतूड़ी से वार्ता की. इन लोगों ने जानकारी दी कि एसएचओ अब्बल सिंह रावत और एसआई राम सिंह गुसाईं को लाठीचार्ज का दोषी माना गया है. इनका ट्रांसफर किया जा रहा है.
ट्रांसफर आदेश अगले रोज वर्किंग आवर में जारी कर दिया जाएगा. पुलिस अधीक्षक ने भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कबूल की. इसके बाद समीर रतूड़ी ने जल ग्रहण किया. समीर रतूड़ी ने भड़ास4मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के सम्मान और आश्वासन के आधार पर जल ग्रहण किया है लेकिन उनका क्रेशर के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि इलाकाई जमीन में खनन के निरस्तीकरण आदेश तक आंदोलन जारी रहेगा.
मूल खबर…