आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान को ग़लत छापने पर पत्रिका अख़बार द्वारा अपनी गलती को स्वीकार कर भूल सुधार प्रकाशित किया जा चुका है। बावजूद इसके सोशल मीडिया पर ब्राह्मणों की गलती और प्रायश्चित वाला मोहन भागवत के न दिए गए बयान को उनका बताकर ज़ोरशोर से प्रचारित किया जा रहा है।
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