न्यूज़ चैनल पर पाबंदी सुप्रीम कोर्ट द्वारा ख़ारिज किए जाने की खबर को बिहार के हिंदी अख़बारों में इतनी ही जगह मिली है…

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रत्नेश चौधरी-

बिहार के हिंदी अख़बारों में प्रेस (मलयालम चैनल मीडिया वन )पर प्रतिबन्ध को सुप्रीम कोर्ट द्वारा ख़ारिज किये जाने की खबर को इतनी ही जगह मिली है…हद यहाँ की पत्रकारिता…

हाँ Hindustan times, Times of India आदि नें पटना संस्करण में भी इसे पहले पन्ने पर जगह दी है. Indian Express आदि अंग्रेजी के अख़बार में भी प्रथम पृष्ठ पर है.

इधर मनीष कश्यप पर NSA /रासुका लगाया गया है… हद है… क्या मनीष अमृतपाल सिंह और भिण्डरवाले, दाऊद इब्राहिम आदि की श्रेणी का अपराधी है?… क्या वह गैंगस्टर है?

वह YOU TUBER है, उनकी भाषा कई बार मुझे भी पसंद नहीं आई…वे अगर वित्तीय गड़बड़ी या अन्य अपराध में शामिल हैं तो कोर्ट उन्हें सजा दे…लेकिन मनीष नें जो मुद्दे उठाये बिहार के लिए,क्या वे गलत हैं? बिहार के शिक्षा मंत्री बिना काम के पिछले 15 सालों से वेतन ले रहे हैं… उनपर कोई कार्रवाई नहीं? लेकिन मनीष पर रासुका ? और कोई विरोध नहीं ? ये बेहद ख़तरनाक संकेत हैं…

खैर मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है… सच सामने आएगा ही.

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