मनीष सिंह-
मजे मजे में उत्तर प्रदेश बताई जा रही बहुतेरी तस्वीरों में एक ये तस्वीर निगाह में टिक गई। दूर जो चाउशेस्कू का महल दिख रहा है। अपने आपमे इंटरेस्टिंग किस्सा है।
रोमानिया की राजधानी है – बुखारेस्ट। पूर्वी यूरोप से लगा एक ऐसा देश जो सोवियत ब्लॉक में लंबे समय तक रहा। रूसी अप्रत्यक्ष कंट्रोल में इस देश मे निकोलाई चाउ शेस्कू सत्ता में आया। कम्युनिस्ट तानाशाह, जिसने रोमानिया को पच्चीस साल अपनी मनमर्जी से चलाया।
शुरू में लोकप्रिय रहे चाऊ शेस्कू की सनक समय के साथ बढ़ती गयी। उसकी सनक और अत्याचारों के किस्से लम्बे हैं, फिर कभी। अभी इतना जानिए की अपनी खाम ख्याली में वह खुद को सबसे ताकतवर और लोकप्रिय आदमी समझने लगा।
इस सनक में उसने अपनी शान में एक महल बनवाना शुरू किया। वही महल जो आपको इस तस्वीर में, सड़क के अंत मे दिख रहा है। महल बरसों तक बनता रहा। डिजाइन पसन्द न आता, तोड़ा और फिर बनाया जाता। विशाल इस महल में दसियों बालरूम, दर्जन भर दरबार, कमरे, बैठके आदि हैं। लगने वाला सामान याने मार्बल, ग्लास, इंटीरियर.. दुनिया भर से आ रहा था।
उधर जनता इन्फ्लेशन, भूख, बेरोजगारी, टैक्स और अत्याचार से तंग थी। पर बोलने की हिम्मत किसी मे थी। 1989 क्रिसमस डे पर खूब मजमा लगाकर निकोलाई भिया ने भाषण देना शुरू किया। सामने की रो में उनके एबीवीपी वाले जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। अभी मितरों, भाइयो, भैनो से भाषण आगे बढ़ा ही था, की विशाल जनसमूह में पीछे कुछ लोगो ने हूट करना शुरू किया। किसी ने हवाई फायर भी कर दिया।
निकोलाई भिया के शब्द मुंह के मुंह मे रह गए। आवाज कांपने लगी। (मजेदार सीन था, विडीयो भी दे रहा हूँ नीचे में) अब नेता की कमजोरी भांप हूटिंग बढ़ने लगी। देखते ही देखते भीड़ उनके महल में घुस गई। गार्ड पकड़ लिए गए। निकोलाई भिया को बंदी बना लिया गया। फिर जल्द ही गोली मार दी गयी।
ये महल अभी पूरा नही बना था। कभी पूरा नही बना। अधूरे बने कमरे थे, कचरा पड़ा था। एक ट्रेवल ब्लॉगर ने इस महल को भीतर से दिखाने की कोशिश की थी। उसके पैरों में टट्टी लग गयी। कोई रात को घुस कर वहां हग गया था।
कुछ बरस पहले, नई सरकारों ने लीप पोतकर ठीक किया। अब वहां पार्लियामेंट लगती है। कुछ म्यूजियम हैं। लोग निकोलाई भिया के गोल्डन बाथरूम को देखने आते हैं।
पर महल बाहर से तो सुंदर है। बिल्ड अप एरिया के हिसाब से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सरकारी बिल्डिंग है। हम इसे यूपी के विश्वस्तरीय शौचालय के रूप में दिखा तो सकते ही हैं।