जमशेद कमर सिद्दीक़ी-
न ये पहली बार है और न आखिरी बार। नोएडा में हमारी सोसाइटी में कल शाम एक छोटी बच्ची को फिर एक कुत्ते ने काट लिया। बच्ची को तीन जगह पर काटा और ज़ख्म इतने गहरे थे कि अब तक उसकी हालत स्थिर नहीं है।
ये एक बड़ी समस्या है क्योंकि इस बारे में बात करने पर ही दुनिया डॉग लवर और डॉग हेटर्स के बीच बांट दी जाती है। जबकि हक़ीकत ये है कि जानवरों का हिंसक होना उनके व्यवहार का हिस्सा है, उन्हें ‘डॉग लव’ के नाम पर हिंसक बनाते हैं।
इन सो कॉल्ड डॉग लवर्स ने सोसाइटी में ग्रुप्स बनाए हुए हैं और आप के बच्चे को कुत्ता बुरी तरह काट भी ले तो भी आप चूं नहीं कर सकते वरना ये लोग ग्रुप्स में आते हैं और आपको क्रूर, डॉग हेटर और पता नहीं क्या क्या कहकर जाते हैं।
इनकी तादाद इतनी ज़्यादा है कि इससे पहले भी जब एक ऐसी ही वारदात हुई थी जिसमें एक बच्चे को कुत्ते ने काट लिया था तब लोगों ने असोसिएशन के साथ मीटिंग की थी कि बाहर के आवारा जानवरों को सोसाइटी में ना आने दिया जाए।
इस पर सो कॉल्ड डॉग लवर्स ने आसमान सर पर उठा लिया था और ये इतने ज़्यादा थे कि असोसिएशन को हार कर सोसाइटी के अंदर ही कम से कम छ जगह अलॉट करनी पड़ीं जहां पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाया जा सकता है।
हालांकि ये एक खाना पूर्ति थी क्योंकि न तो कोई उस जगह पर खाना खिलाता था और न ही कोई इस बात की गारंटी लेता है कि अगर उन्हें उसी जगह पर खिलाया गया तो वो उसी तरफ रहेंगे। सोसाइटी की अंदर की सड़के जुड़ी हैं तो ज़ाहिर है वो पूरे इलाके में घूमते हैं।
जिस बच्ची को कुत्तों ने नोचा है वो अस्पताल में है, जाने उसके मां-बाप पर क्या बीत रही होगी। अभी जब मैं ये बात लिख रहा हूं तब भी तमाम ऐसे लोग हैं जिनका कहना है कि पांच साल की उस बच्ची ने ज़रूर कुछ किया होगा, कुत्ता ऐसे ही तो नहीं काटता है। ये हाल है।
ये कहानी सिर्फ एक जगह की नहीं है। दिल्ली एनसीआर की ज़्यादातर सोसाइटीज़ का यही हाल है। ये एक बड़ी बहस है जिसपर बात नहीं की जा रही। आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती हैं लेकिन डॉग लव के नाम पर सब कुछ जायज़ है, भले किसी का बच्चे की जान पर बन आए। बच्ची अभी अस्पताल में है, दुआ कीजिए।
विजय सिंह
May 18, 2023 at 12:58 pm
यह नया फैशन चला है, पुण्य लूटने का.
डॉग या एनिमल “लवर्स” जरूर बनिए पर दूसरों की जिंदगी को खतरे में डालकर नहीं.