Sheetal P Singh : सिर्फ बीते 15 दिनों में देश के सबसे बड़े हिंदी न्यूज़ चैनल आज़तक के ” इमरान खान “से दंगल का नज़ारा लीजिये। कहा जाता है कि इसकी टी आर पी भी तगड़ी है।
लगता है इन पंद्रह दिनों में देश में और कुछ भी नहीं हुआ है!
यह वो पत्रकारिता है जो वास्तविक पत्रकारिता के कपड़े फाड़ने के लिए झूठ गढ़ने, फोटोशॉप करने, कट पेस्ट करने के लिए किसी भी मानदंड को रौंद सकती है।
वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी सिंह की एफबी वॉल से.
Ajay Rohilla : इस चैनल को अपना नाम “पाकिस्तान आज तक” रख लेना चाहिए…
DrRakesh Pathak : इतने सारे आसमानी सुल्तानी प्रोग्राम्स के बाद तो पाकिस्तान का वजूद ही मिट गया होगा। कहीं धरती पर बचा तो नहीं है पाकिस्तान!
Sheetal P Singh : ये तो सिर्फ एक चैनल के एक प्रोग्राम का मुखड़ा है
Amar Ingole : Sir 24×7 yahi chal Raha hai. Channel name- News nation, Aaj Tak, ABP, Zee news, TV18, TV9 bharatvarsha, republic, India news.
Rahmat Ali Idrisi : क्या इन पत्रकारों, माफ कीजिएगा, दलालों को अंतिम समय का भी डर नहीं है, कि मरने के बाद ईश्वर को भी मुंह दिखाना है।
Deepu Naseer : पिछले दिनों मैंने यह महान चैनल Unsubscribe कर दिया है। जब था तब भी नहीं देखता था। फिर सोचा कि जब देखता ही नहीं हूं तो रखने का क्या फ़ायदा !! और बहुत सारे चैनलों के साथ इसे टाटा से बाय-बाय कर दिया।
Sri Krishna Singh : समझ में नहीं आता ए देश को कहां ले जाएंगे। अगर कुछ निष्पक्ष पत्रकार न होते तो हम सच्चाई भी नहीं जान पाते। आपातकाल जैसी स्थिति। लोगों को ही भुगतना पड़ेगा।
Rajeev Gautam : Inako patrkar manta kaun hai? Hamne last time Hindi news kab dekha tha ab to dhang de yaad bhi nahi.
Jitendra Singh : बहुत दुख होता है कि मैं भी इस दौर का हिस्सा हूँ
Dharamveer Katoch : हमारे दिलो-दिमाग़ में जो राष्ट्रप्रेम के नाम पर हिंसा भर दी गई है, उन्हें मोब्लिंचिंग और चैनलों द्वारा परोसे गए युद्धोन्माद में आनन्द की अनुभूति होने लगी है, चैनलों को तो देश के धरातल पर चल रही सच्चाईयों को नागरिकों से विमुख कराने के दोनों तरफ से पैसे मिल ही जाते हैं, लेकिन देश और समाज को वो किस अंधी सुरंग में धकेल रहे हैं…पैसों कमाने की दौड़ में वो सबकुछ भुला चुके हैं!
Saleem Ahmad : jab tak hosh aayega tab tak ye desh kis taraf ja chuka hoga aaj ke halaat dekhte huye iska andaza lagana mushkil nahi hai…afsos is chhadm rashtrawad ki aad me ham desh ki barbadi ko na sirf dekh rahe hai balki uska samarthan bhi kar rahe hai..
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