पत्रिका अखबार के डिजिटल सेक्शन वाले हिट्स पाने और खबर जबरन पढ़ाने के लिए कंटेंट में कुछ भी डाल दे रहे हैं. एक महिला ने बेटी के साथ ट्रेन से कट कर जान दे दी. इस खबर को पत्रिका के डिजिटल सेक्शन वालों ने किस तरह छापा है, देखिए जरा.
यही खबर पत्रिका अखबार में किस तरह छपी है, उसे भी पढ़िए. इससे अंदाजा लगाइए कि आजकल पत्रकार लोग ही पत्रकारिता के साथ किस तरह का बलात्कार कर रहे हैं.
ऑनलाइन वालों ने खबर को सनसनी बनाकर बेचा, जब वही खबर अखबार में प्रकाशित की तो उस बात का जिक्र भी नहीं किया. अजीब खेल है मीडिया का. क्या पत्रिका प्रबंधन इस तरह की सनसनी बेचने वाले अपने चिरकुट कर्मियों पर कार्रवाई करेगा?
One comment on “पत्रिका अखबार के डिजिटल सेक्शन वाले गज्बे चिरकुट हैं!”
फ्री में काम ऐसे ही होता है