सीतापुर में पेट्रोल पंप पर घटतौली के मामले का एक वीडियो वायरल हुआ था। पेट्रोल पम्प माफिया ने दबाव बना कर इस पूरे मामले को मैनेज कर लिया है। सबसे लिखित रूप से ले लिया है कि पेट्रोल पंप सही है, बाक़ी सब ग़लत है।
इसके बाद इस प्रकरण को उठाने वाले मीडियाकर्मियों को बदनाम करने की कुत्सित मुहिम पेट्रोल पम्प माफिया ने शुरू कर दी है।
इसी के तहत दैनिक भास्कर पोर्टल के पत्रकार अभिषेक सिंह के खिलाफ पेट्रोल एसोसियसन ने मोर्चा खोल दिया है। पत्र लिख कर ब्लैकमेलर तक कह दिया है। सवाल है कि किस सुबूत /प्रमाण के आधार पर पत्रकार को ब्लैकमेलर कहा गया? इस आरोप के ख़िलाफ़ पत्रकार को मानहानि का केस ठोंक देना चाहिए।
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