संजय कुमार सिंह-
राहुल गांधी के आरोपों पर नरेन्द्र मोदी का पक्ष कौन लेगा? जो लोग कह रहे हैं कि राहुल गांधी ने सवाल का जवाब नहीं दिया, वो ये नोट कर लें, चाहें तो वीडियो चेक कर लें सवाल था – “बीजेपी कह रही है ….”। अगर किसी को लगता है कि सवाल सामान्य था और राहुल गांधी को जवाब देना चाहिए था तो राहुल गांधी ने कहा है, मुझे (सदन की सदस्यता से अयोग्य) ठहराया गया है क्योंकि प्रधानमंत्री संसद में अदानी पर मेरे अगले भाषण से डरे हुए थे। वे आतंकित हैं।

यही नहीं, राहुल गांधी ने यह भी पूछा है, अदानी समूह में शेल कंपनियों के जरिए 20,000 करोड़ रुपये आए हैं। ये किसके पैसे हैं। अगर भाजपा जो कह रही है उसे राहुल गांधी से पूछना सही है तो राहुल ने जो कहा है उसे नरेन्द्र मोदी से क्यों नहीं पूछा जाना चाहिए। प्रेस कांफ्रेंस नहीं करते यह जवाब नहीं हो सकता है। वही सवाल है कि प्रेस कांफ्रेंस नहीं करते तो आप क्या कर रहे हैं? राहुल गांधी से सवाल?
आइए, राहुल गांधी के दोनों सवालों (आरोपों) के जवाब नरेन्द्र मोदी से पूछिए। कहां पूछेंगे, कैसे पूछेंगे, कब पूछेंगे आप खुद तय कीजिए। जहां तक राहुल गांधी को सजा और उनके द्वारा किए गए अपमान की बात है, मामला ऊपरी अदालत में जाना है, तय हो जाएगा। इंतजार कर लीजिए। आरोप तो यह भी है कि इस मामले में अधिकतम सजा दो साल की हो सकती थी और सदस्यता खत्म करने के लिए इतनी सजा जरूरी है।
इसलिए भारत के इतिहास में पहली बार किसी को अवमानना मामले में इतनी लंबी सजा मिली है। लेकिन इसे अदालत में ही तय होने देना बेहतर रहेगा। दूसरी ओर, राहुल गांधी के सवालों और आरोपों की गंभीरता नहीं समझ में आ रही हो तो पूरी बहस ही बेकार है। आप जो कर रहे हैं करते रहिये। ईश्वर आपकी इच्छा पूरी करे। देश का भला उसी से होगा। आपकी पत्रकारिता आपको मुबारक।