Amitabh Thakur : यह FIR देखें. “श्रीमान CMO” ने कहा कि उत्तरदायी अफसर की जानकारी के बिना इसे रिपोस्ट किया गया, जिससे शासन व प्रशासन की छवि धूमिल हुई. इसका अर्थ हुआ कि पत्रकार अफसर को बताये बिना उनकी खबर ना छापे व ऐसी खबर से शासन व प्रशासन की छवि धूमिल ना हो. फिर कोई पत्रकार खबर क्या और कैसे छापे?
Nutan Thakur : क्या श्री योगी की सरकार के नुमाइंदों ने भ्रष्टाचार की शिकायत लगाने, कुशासन/कुप्रशासन के आरोप लगाने वालों तथा अफसर/नेताओं के गलत कार्यों को इंगित करते हुए उनकी जाँच मांगने वालों पर FIR दर्ज भय व्याप्त करने में उत्कृष्ठता प्राप्त कर ली है? सहारनपुर के पत्रकार पर दर्ज यह FIR देखें. क्या किसी संभावित अनियमितता, भ्रष्टाचार, कदाचार आदि के संबंध में कोई बात कहना, कोई ट्वीट करना भी अब अपराध की श्रेणी में आ गया है? ये हम किस ओर जा रहे हैं? क्या आज हम पूरी तरह पुलिस राज में जी रहे हैं? ये वे गंभीर प्रश्न हैं जो पत्रकारों/एक्टिविस्ट आदि पर दर्ज हो रहे इस तरह के तमाम मनमाने FIR से हर रोज सामने आ रहे हैं.
पति-पत्नी द्वय आईपीएस अमिताभ ठाकुर और एडवोकेट नूतन ठाकुर की एफबी वॉल से.
One comment on “यूपी में जो पत्रकार करप्शन खोलेगा, वही मुकदमा झेलेगा!”
अच्छा है……जब तक दलाली और चाटूकारों की संख्या पत्रकारिता के नाम पर ऐसे ही बढ़ती रहेगी , तो ऐसा होगा ही । लेकिन बाकी पत्तलकार अगर ये सोच रहे है कि उनके साथ ऐसा नही होगा तो गलत सोच रहे है ।
वक्त के साथ कब किसकी रही यारी है ……
आज मेरी तो कल तेरी बारी है ….
वैसे इस रिपोर्टर को दिल से सलाम ….जै हिन्द