“भाई मैं तो आपकी आवाज का फैन हो गया”..अगर ये सब कुछ आपके चैनल के मालिक और एडिटर इन चीफ की मुख से वो भी न्यूज रुम में सुनने को मिले तो वाकई किसी का भी हौसला बढ़ता है..कल आजादी की वर्षगांठ के दिन लखनऊ में भारत समाचार के दफ्तर में शाम को चैनल के मुखिया और यूपी में पत्रकारिता का दूसरा नाम कहे जाने वाले ब्रजेश मिश्रा सर ने न केवल मेरी वॉयस ओवर के लिए सबसे ताली बजवाई बल्की खुद भी मेरा हाथ मिलाकर मेरे हौसले को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया..
असल में भारत समाचार पर कल शाम 5 से 6 बजे के बीच प्रसारित हुए आजादी पर स्पेशल शो “प्लासी से दिल्ली” के लिए अपनी आवाज दी है..इस शो में 15 अगस्त 1947 से दो सौ साल पहले यानी गुलामी की दस्तक से लेकर आजादी तक की पूरी कहानी को बयान किया गया है..इस शो के लिए भारत समाचार की पूरी टीम ने बहुत मेहनत की और मेरी आवाज का भी इस्तेमाल किया गया..मैंने भी पूरी ईमानदारी से न्याय करने की कोशिश की..और यही कोशिश मेरे बिग बॉस को भा गई… फिर जिस तरह से उन्होंने हौसला बढ़ाया उसे मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता…
वैसे मैंने साल 2000 में मुंबई के तहलका टीवी न्यूज के लिए पहली बार अपनी आवाज का इस्तेमाल किया था… मैं चैनल में एंकर भी रहा..यही नहीं मुंबई से हिंदूजा ग्रुप के चैनल इन टाइम न्यूज में भी एंकर रहा..सफर स्टार न्यूज, लाइव इंडिया होता हुआ टीवी9 महाराष्ट्र तक पहुंचा.. स्टार न्यूज, लाइव इंडिया के लिए वॉयस ओवर का मुझे मौका मिला तो टीवी9 में लगातार चार साल क्राइम शो का एंकर रहा..कारवां बढ़ता गया सहारा न्यूज में भी मेरी भूमिका कुछ ऐसी ही रही..यही नहीं मुंबई के कई प्रोडक्शन हाउस ने भी मेरी आवाज का इस्तेमाल किया..वरिष्ठों ने कई बार मेरा हौसला बढ़ाया..लेकिन अपने प्रदेश में वो भी ब्रजेश मिश्रा जैसी शख्सियत से तारीफ मिले तो मन बाग बाग हो जाता है..आप भी देखिए “प्लासी से दिल्ली” और मेरा और मेरे साथियों को और अच्छा करने के लिए प्रेरित भी करें.. लिंक ये है… : https://youtu.be/a16pDKd-ed0
आपका
अश्विनी
भारत समाचार चैनल, लखनऊ में वरिष्ठ पद पर कार्यरत पत्रकार अश्विनी शर्मा की एफबी वॉल से.
Comments on “शानदार वायस ओवर के लिए ब्रजेश मिश्र ने की अश्विनी शर्मा की तारीफ”
अश्विनी जी, बहुत दिनों बाद फिर आपकी आवाज सुनने मिला। वही अंदाज वही जोश वही कशिश। बधाई
बुरा मत मानिए जनाब, बहुत सतही आवाज है। कहीं से भी ऐसा नहीं लगा कि इसके लिए तालियां बजनी चाहिए। टीवी औऱ रेडियो में दो ही आवाजें चलती हैं। खनकदार या बेस की आवाज। आपका वीओ सुनकर दोनों ही नहीं दिखा। हां जो रिपोर्टर आया पहले वाला उसका बोलने का स्टाइल सबसे जुदा है। मूड अपसेट था सुबह से, उसकी पीटूसी देखकर मन खुश हो गया। हाहाहाहा।