अभिषेक आनंद-
सुधीर चौधरी पर FIR प्रेस या मीडिया पर हमला नहीं है. एक स्वस्थ समाज बनाने के लिए जरूरी है कि सुधीर चौधरी जैसे लोगों को सजा मिले और लंबे वक्त के लिए जेल में डाला जाए.
नफरत फैलाना, उकसाना, भड़काना, अपराध है.




खासकर हिन्दू समाज को सुधीर चौधरी पर कार्रवाई की मांग करनी चाहिए. क्योंकि सुधीर चौधरी जैसे लोग, हिन्दू की भलाई के बहाने, समाज में आग लगाते हैं, नफरत फैलाते हैं.
लेकिन इस मौके पर एक पीछे की कहानी सुनाता हूं. Aajtak के दफ्तर से.
Sudhir Chaudhary पर भले ही FIR हुई है और चैनल ने विवादित ट्वीट डिलीट कर दिया है, लेकिन आजतक कंपनी, सुधीर चौधरी पर कोई एक्शन नहीं लेगा. बल्कि सुधीर का बचाव करेगा. क्यों, आगे बताता हूं…
लेकिन राजदीप सरदेसाई के साथ ऐसा नहीं हुआ था. बेचारे की एक महीने के लिए छुट्टी कर दी गई थी (ऑफ एयर, कोई टीवी शो नहीं). और सैलरी भी काट ली गई थी. वो तो उन्हें नौकरी की जरूरत थी, तो इस्तीफा नहीं दिया.
क्यों ? Rajdeep Sardesai पर आजतक ने कार्रवाई क्यों की? क्योंकि वे मोदी सरकार के पक्ष में फेक न्यूज नहीं फैला रहे थे.
सरदेसाई ने ट्ववीट किया था कि पुलिस फायरिंग में कथित तौर पर एक किसान की मौत हो गई. किसानों का ऐसा दावाव था. फिर ट्वीट डिलीट भी कर लिया था. लेकिन उन्हें किसी ने क्षमा नहीं किया था.
बल्कि BJP नेताओं ने तो मांग की थी कि सरदेसाई को हमेशा के लिए आजतक से बाहर किया जाना चाहिए.
लेकिन सुधीर चौधरी के लिए यह नियम नहीं है. आप मोदी सरकार के पक्ष में हैं तो फिर कुछ भी लिखिए. कंपनी आप पर कार्रवाई नहीं करेगी. लेकिन अब देखना होगा कि कांग्रेस कितनी कार्रवाई करती है.


One comment on “सुधीर चौधरी पर FIR प्रेस या मीडिया पर हमला नहीं है!”
बिलकुल कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन यूट्यूब पर जो पूर्व पत्रकार गंध फैलाते हैं उनपर जब कार्रवाई हो तो आपका परिभाषा बदलनी नहीं चाहिए।