दुखद खबर है. क्षेत्रीय चैनल “हिन्दी खबर” में जुलाई 2016 से कार्यरत स्टूडियो कैमरामैन श्री सुरिन्दर कुमार की असमय मृत्यु हो गई है. “हिन्दी खबर” की पूरी टीम ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है.
ज्यादा दुख और हैरानी कुछ तथाकथित न्यूज पोर्टल के घोर नकारात्मक रवैए को देख कर हो रही है. किसी जानकारी के बिना, थर्ड ग्रेड क्राइम उपन्यास की सस्ती स्टोरी की तरह से श्री सुरिन्दर कुमार की मृत्यु को चटखारे लेकर छापने लगे, वायरल करने लगे.
श्री सुरिन्दर कुमार को सत्येन्द्र कुमार लिखा गया. जबकि सत्येन्द्र कुमार ह्रष्ट-पुष्ट हैं अच्छे से काम कर रहे हैं. ऐसी ऊटपटांग की ख़बरों से श्री सतेन्द्र के घर पर तनाव फैल गया.
श्री सुरिन्दर कुमार की मृत्यु के पीछे की वजह तीन महीने से सैलरी ना मिलना बताया गया है. जबकि ये एकदम भ्रामक है. मार्च महीने की उनकी सैलरी दी जा चुकी थी. अप्रैल की सैलरी 15 मई को दी जानी थी जो इसीलिए नहीं दी गई क्योंकि वो 8 मई से 20 मई तक की छुट्टी पर थे.
श्री सुरिन्दर कुमार सामान्य परिवार से थे. उनकी दुखद मृत्यु के पीछे आर्थिक तंगी वजह कतई नहीं थी. उनके घर पर परचून की दूकान थी जिसे उनकी पत्नी संचालित करती थीं. उनका छोटा भाई शिक्षक है जो उन्ही के साथ रहता है. घर की आर्थिक स्थिति सामान्य थी. मगर दुर्भाग्यवश उन्हे ज्यादा शराब पीने की बुरी लत थी. शराब पीने से रोकने पर अक्सर उनकी पत्नी से उनका झगड़ा हुआ करता था. कतिपय 16 मई की रात्रि को भी ऐसा कुछ हुआ हो और उन्होने भावावेश में आत्मघाती कदम उठा लिया हो. हालांकि ये पुष्ट नहीं हुआ है.
साल 2018 में उन्होने खुद का व्यापार करने के लिए “हिन्दी ख़बर” से त्याग पत्र भी दिया था और करीब 5 महीना अपना कई काम-धंधा भी किया था. मगर उसमें असफल रहने के उपरान्त फिर से “हिन्दी ख़बर” को री-ज्वाइन किया था.
चैनल की तरफ से श्री सुरिन्दर कुमार का बाकायदा ESI और PF में पंजीकरण करवाया गया था. बताया गया है कि इस मद में उनकी पत्नी को करीब सवा लाख रूपए की धनराशि सरकार से तुरंत मिलेगी. पांच हजार रूपए महीने की पेन्शन भी मिलेगी जो सरकारी नियमों के मुताबिक शायद 25 वर्षों के लिए निर्धारित होगी.
यूपी, उत्तराखंड सरकारों की तरफ से भुगतान में लगातार की जा रही हीलाहवाली की वजह से सभी छोटे, मझोले क्षेत्रीय चैनलों के हालात खस्ता हैं और वेतन विलंबित है. मगर सभी जगहों पर पार्ट पेमेन्ट करके कर्मचारियों की दिक्कतों को दूर किया जाता है. कहीं पर ऐसे हालात कतई नहीं हैं कि किसी को आत्मघाती कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़े.
अत: बेसिर-पैर की नकारात्मक खबरों को प्रकाशित एवं प्रचारित करने से खुद को रोकिए. कोरोना काल में हम सभी को मिल कर इस संकट से उबरने की जरूरत है ना कि ओछी राजनीति करने तथा वैमनस्यपूर्ण स्कोर सैटल करने की. ये उन साथियों पर ज्यादा लागू होता है जो विभिन्न वजहों से संस्थान से निष्कासित/पृथक कर दिए गए हों.
हम सभी को मिल कर श्री सुरिन्दर कुमार की आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए. प्रार्थना इसलिए भी करिए कि जल्दी से ये प्रतिकूल हालात सुधर जाएं और हम सभी लोग एक दूसरे का मान-सम्मान करते हुए जीवन यापन कर सकें.
हिंदी खबर चैनल की तरफ से जारी प्रेस रिलीज
मूल खबर-