नई दिल्ली । 400 से अधिक लेखकों, पत्रकारों, प्रकाशकों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने फॉरवर्ड प्रेस पर पुलिस द्वारा की गयी दमनात्माक कार्रवाई की कडी निंदा की है। निंदा करने वालों में उदय प्रकाश, अरुन्धति राय, शमशुल इस्लाम, शरण कुमार लिंबाले, गिरिराज किशोर, आनंद तेल्तुम्बडे, कँवल भारती, मंगलेश डबराल, अनिल चमडिया, अपूर्वानंद, वीरभारत तलवार, राम पुनियानी, एस.आनंद, आदि अनेक अंग्रेजी, हिंदी और मराठी के प्रतिष्ठित लेखक शामिल हैं। उन्होंने यहां मंगलवार को गृह मंत्री ने नाम जारी अपील में कहा कि – ‘यह देश विचार, मत और आस्थाओं के साथ अनेक बहुलताओं का देश है और यही इसकी मूल ताकत है. लोकतंत्र ने भारत की बहुलताओं को और भी मजबूत किया है। आजादी के बाद स्वतंत्र राज्य के रूप में भारत ने अपने संविधान के माध्यम से इस बहुलता का आदर किया और उसे मजबूत करने की दिशा में प्रावधान सुनिश्चित किये.