Anil Jain : गौरी लंकेश की हत्या के बाद जैसी आशंका जताई गई थी, वैसा ही हो रहा है। त्रिपुरा में शांतनु भौमिक की हत्या इसकी पहली मिसाल है। पत्रकारों और लेखकों को धमकाने का सिलसिला शुरू हो चुका है। नीचे दिया गया स्क्रीन शॉट मेरे मित्र और पुराने सहकर्मी अनिल सिन्हा को मिले वाट्सएप मैसेज का है।