इकलौती बेटी को पत्रकारिता के दलदल में झोंक कर मैं काफी दुखी हूं

हर पिता से विनती करता हूं कि अपनी बेटी को पत्रकार न बनने दें…

मान्यवर महोदय,

ज्ञात हुआ कि आपके मंच पर पत्रकारिता से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा होती है, इसीके चलते यह पत्र लिख रहा हूं. मेरी आत्मजा मुंबई में करीब साढ़े छह साल काम करने के बाद हाल ही में दिल्ली शिफ्ट हुई. वह टाइम्स ऑफ इंडिया के अखबार नवभारत टाइम्स में काम कर रही है. सोमवार को जब वह अपने दफ्तर में अपने काम में तल्लीनता से लगी हुई थी. तभी, सोनी सर नामक एक व्यक्ति ने उसके सर पर मुक्का मारा.

मुंबई के पत्रकारों के लिए नवभारत टाइम्स में मौका, 23 तक अप्लाई करें

मुंबई के उन पत्रकारों जिन्हें हिंदी ठीकठाक आती हो और मराठी / इंग्लिश के जानकार हों, के लिए नवभारत टाइम्स अखबार में वैकेंसी है. 23 तक अप्लाई कर सकते हैं. नभाटा मुंबई में छपे विज्ञापन के मुताबिक अखबार को अपनी संपादकीय टीम के लिए युवा और स्मार्ट पत्रकारों की तलाश है. अखबार को कॉपी एडिटर, सीनियर कॉपी एडिटर, संवाददाता, वरिष्ठ संवाददाता और ग्राफिक डिजाइनर की तलाश है.

‘भड़ास ने मुझे बदनाम कर दिया, माफी मांगो वरना मुकदमा करा दूंगी’

टीम भड़ास, आपकी वेबसाइट www.Bhadas4Media.com पर ‘नभाटा में नया फरमान- डेस्क नहीं करेगा किसी रिपोर्टर की कॉपी एडिट‘ नामक शीर्षक से 27 जून 2015 को एक आर्टिकल प्रकाशित किया गया है, जिसका लिंक है- https://bhadas4media.com/print/6225-nbt-farman इस आर्टिकल में मेरे नाम का इस्तेमाल कर मुझे बदनाम करने की कोशिश की गई है। बगैर मेरी इजाजत के, बगैर मेरा कथन/पक्ष जाने मेरे नाम का इस्तेमाल यहां क्यों किया गया? आपने यहां बिना सच जाने मुझे ‘आरोपी’ करार दे दिया। किसी आपराधिक मामले से जुड़ी खबर को बनाते हुए भी प्राथमिकी में दर्ज तथ्यों के आधार पर खबर लिखी जाती है।