Neelabh Ashk : एक बिना-शर्त माफ़ीनामा…. अपने जीवन में मुझसे अपने आवेगशील स्वभाव के कारण अनेक ऐसी घटनाएं और प्रसंग हो बैठे हैं, जिन पर मुझे बेहद खेद और शर्मिन्दगी महसूस हुई है. मैंने अपने अविवेक में बहुत-से लोगों को चोट पहुंचायी है. मेरी कोशिश रही है कि जहां तक सम्भव हो, इन ग़लतियों का परिमार्जन हो सके. अपनी भूल को स्वीकार करके माफ़ी मांग लेने में मेरा अहम कभी आड़े नहीं आया, क्योंकि जो भी किया, वह मैंने किया था, सो माफ़ी मांगना मेरा ही कर्तव्य बनता था.