मैं शिवम भट्ट को नहीं जानता था, पहली और आखिरी मुलाकात हिसार के बरवाला में हुई थी, जब रामपाल दास के सतलोक आश्रम का विवाद चल रहा था। सभी पत्रकारों को आश्रम से तकरीबन एक किलोमीटर दूर बैरिकेट्स लगाकर रोक दिया गया था। जिस कारण सभी न्यूज चैनल के पत्रकार उसी बैरिकेट्स से अपना लाइव दे रहे थे। उनमें से मैं भी एक था।
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Zee News की HR policy की तारीफ़ करनी होगी, बीमा के जरिए रिपोर्टर शिवम की जान की कीमत 25 लाख आंकी गई
Vinod Kapri : शिवम् भट्ट। इस बच्चे को मैं जानता नहीं हूँ। ना कभी मिला। पर जब से शिवम् की मृत्यु का समाचार पढ़ा और सुना-मन बेहद उदास है। शिवम् का ज़िक्र आते ही टीवी के वो सैकड़ों शिवम् आँखो के सामने से गुज़रने लगते हैं जो दिन रात , सूखा बरसात , गर्मी सर्दी देखे बिना ख़बर की खोज में लग जाते हैं। मुंबई हमला हो , केदारनाथ त्रासदी हो या कश्मीर की बाढ़ हो – हर मैदान में रिपोर्टर या कैमरामैन बस बिना कुछ परवाह किए कूद पड़ते हैं। ऐसी हर कवरेज के दौरान मुझे इन लोगों की हमेशा सबसे ज़्यादा फ़िक्र रही। ना जाने कितने लोग इसके गवाह होंगे।
एन. राम को पुरस्कार, दिवंगत शिवम को पांच लाख की मदद, रिपोर्टर गौरव अरोड़ा पर हमला
तिरूवनंतपुरम से खबर है कि वरिष्ठ पत्रकार और द हिंदू अखबार के पूर्व एडिटर इन चीफ एन राम को पत्रकारिता क्षेत्र में बेहतरीन योगदान के लिए एन रामचंद्रन फाउंडेशन अवार्ड के लिए चुना गया है. नामी मलयाली पत्रकार एन रामचंद्रन की याद में पुरस्कार की शुरुआत की गयी है. इस साल उनका निधन हो गया था. फाउंडेशन की विज्ञप्ति में बताया गया है कि पुरस्कार के तहत 50,000 रूपये एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा. यहां पर 25 नवंबर को एक समारोह में राम को देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश एम एन वेंकटचलैया पुरस्कार देंगे.