टीडीसी न्यूज नामक एक डिजिटल न्यूज चैनल की जिद्द है कि हम सवाल उनसे करेंगे जो दुनिया से सवाल करते हैं। इस यूट्यूब चैनल से जुड़े पत्रकार पत्रकार अमरेंद्र किशोर कहते हैं- “मीडिया को अवाम ने अधिकार दिया कि लोकतंत्र की मौजूदगी के लिए समाज और सियासत से सवाल पूछे। लेकिन हाल के वर्षों में यह महसूस किया जा रहा है कि मीडिया ने सवाल पूछना छोड़ दिया है। पर हमने तय किया है कि हम सबसे सवाल पूछेंगे और सवाल के दायरे में मीडिया वाले भी आएंगे.”
अमरेंद्र बताते हैं कि तेज़ी से उभरते यूट्यूब चैनल टीडीसी न्यूज़ (द डेमोक्रेटिक कम्युनिकेशन) में हर हफ्ते मीडिया की किसी शख्सियत से इंटरव्यू में ढेरों सवाल किया जाता है. हमारे सवाल किसी रिसर्चर के सवाल नहीं बल्कि जनता की जिज्ञासा हैं जिसे हम सवाल की शक्ल में मीडिया के महारथियों के सामने रखते हैं।
टीडीसी न्यूज़ में हाल में ही भड़ास4मीडिया के संपादक यशवंत सिंह का साक्षात्कार हुआ है. इसका पहला पार्ट आ चुका है. दूसरा पार्ट रिलीज हो रहा है. आज शाम 7.30 बजे यशवंत सिंह के साथ अमरेंद्र किशोर की बातचीत का दूसरा भाग देखने को मिलेगा. इस इंटरव्यू को लेकर मीडिया और सोशल मीडिया के दर्शकों में उत्सुकता है.
‘बात मीडिया की’ शीर्षक से हाल ही में शुरू किये गए इस कार्यक्रम में हिंदुस्तान के कई प्रमुख अखबारों और टीवी चैनल्स के प्रमुख रह चुके प्रख्यात पत्रकार राहुल देव, भाषा के पूर्व सम्पादक और अक्सर विवादों तथा चर्चाओं में बने रहने के शौक़ीन डॉ० वेदप्रताप वैदिक, स्टिंग पत्रकारिता के महारथी पत्रकार दीपक शर्मा, नवीन कुमार, भड़ास के सम्पादक यशवंत सिंह, आजतक के लम्बे समय तक न्यूज़ डायरेक्टर रह चुके कमर वहिद नक़वी और अखबारों तथा न्यूज़ पोर्टल के अलावा फेक न्यूज़ पर काम कर चुके पत्रकार प्रवीण कुमार से अमरेंद्र सवाल पूछ चुके हैं.
इस कार्यक्रम के प्रोड्यूसर संजीव राय के मुताबिक़ ‘बात मीडिया की’ एक ऐसा मंच है जहाँ से उन सच्चाइयों से पर्दा उठाने की कोशिश होती है जिसके बारे में जनता जानती नहीं. कितने जोखिम उठाकर खबरें जुटाई जाती हैं और बाद में उन खबरों की कीमत कैसे पत्रकारों को चुकानी पड़ती है, ऐसी तमाम बातें मीडिया के महारथियों से सुनने को मिलती है.’
संजीव बताते हैं कि ‘हम किसी से सवाल जरूर करते हैं लेकिन किसी व्यक्ति विशेष को टारगेट करना हमारा ध्येय नहीं होता।’
लेकिन ख़ास बात है कि मीडिया के अंदरखाने में घटित घटनाओं, सौदेबाजी और शोषण की कहानियों के सामने रखने का साहस अमरेंद्र किशोर ने किया है।
तेज़ी से लोकप्रिय होते इस कार्यक्रम में आनेवाले हफ़्तों में हिंदी और अंग्रेजी पत्रकारिता के एक से एक शूरमाओं के अलावा मीडिया पढ़ाने वाले कुछ शख्सियतों को ‘बात मीडिया की’ कार्यक्रम में देखा जा सकता है।
देखें मीडिया महारथियों के कुछ इंटरव्यूज-
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