Soumitra Roy : ब्रेंट क्रूड ऑयल का भाव आज 35.44$ प्रति बैरल है। अगर 2015 में क्रूड की इसी दर से तुलना करें तो भाव ₹59 प्रति लीटर होना चाहिए। अभी मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज को ₹3 बढ़ा दिया है।
क्यों? क्योंकि डॉलर के मुकाबले रुपया बेहद कमजोर है। UPA 2 के समय मोदीजी और उनके चेले रुपये के गिरने पर बहुत गरियाते थे। आज सब चुप हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के 47% गिरे दाम का फायदा अवाम तक पहुंचाने की जगह और खून चूस रहे हैं।
क्योंकि मोदी सरकार देश की अर्थव्यवस्था को बदहाल कर चुकी है। क्योंकि मोदी सरकार के दोस्त लोगों की जमा पूंजी को लूटकर कंगाल हो रहे हैं। क्योंकि मोदी सरकार का देश के खजाने को लूटने वालों पर कोई नियंत्रण नहीं है। इसलिए अवाम को लूटना ही पड़ेगा।
तैयार हो जाएं अपने खून का आखिरी कतरा देश और मोदीजी के लिए न्योछावर करने को। क्योंकि मोदी सरकार कंगाल हो चुकी है। वोट दिया है तो नुकसान भी आपको ही उठाना है न।
निर्मला मुस्कराईं… देखें वीडियो…
Girish Malviya : पत्रकार ने पूछा कि मैडम क्रूड के दाम बहुत कम हो गए है क्या सरकार इसका फायदा पेट्रोल डीजल के दाम कर के आम आदमी को पुहंचाएगी? देखिए हमारी वित्तमंत्री का क्या रिएक्शन था….
बीजेपी नेता गले में ख़राश के चलते चुप हैं!
Sheetal P Singh : दुनिया में कच्चे तेल के दामों में 35-45% की कमी आई है। जब इसके दाम बढ़ते हैं तो सरकार पहली सूचना पर ही दाम बढ़ा देती है पर अब जब दाम इतने ज़्यादा गिर गए हैं तो मुश्किल से एक परसेंट भी कम करने में सरकार का दम निकला जा रहा है।
ग़ौरतलब है कि मोदीजी के मई 2014 में सत्ता पाने के बाद के आज तक के समय में कच्चा तेल कभी अस्सी डालर प्रति बैरल तक भी नहीं पहुँचा और आजकल तो तीस बत्तीस डालर तक आ गिरा है। जबकि मनमोहन सिंह की सरकार के समय यह एक सौ पैंतीस डालर तक जा पहुँचा था और सौ डालर के नीचे तो ज़्यादातर वक्त नहीं रहा।
तब बीजेपी नेता पेट्रोल डीज़ल गैस के दामों को लेकर कंठफाड़ होली खेलने से कभी नहीं चूके और अब गले में ख़राश के चलते चुप हैं!
पत्रकार त्रयी सौमित्र रॉय, गिरीश मालवीय और शीतल पी सिंह की एफबी वॉल से.
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