गिरीश मालवीय-
आश्चर्यजनक रूप से यह ख़बर जो दैनिक भास्कर के इंदौर एडिशन के फ्रंटपेज पर है वो भास्कर की वेबसाईट पर बिलकुल गायब है… लगता है पेपर पहले छप गया….. इंस्ट्रक्शन बाद में आई खैर…..

इस ख़बर में बताया गया है कि किरण पटेल का पकड़ा जाना गुजरात बीजेपी और पीएमओ वालो की अंदरूनी पॉलिटिक्स का मामला है ….न खाऊंगा न खाने दूंगा का दावा करने वाले साहेब के ऑफिस से जुड़े नौकरशाह 370 हटने के बाद काश्मीर के सेब बागानों की बेशकीमती जमीनो की बंदर बांट कर रहे थे लेकिन कुछ जलनखोर साथियों को ये बर्दाश्त नहीं हुआ और उन्होंने सेब बागानों को आइडेंटिफाई करने गये दलाल को सिक्योरिटी ब्रीच के मामले में फंसा दिया…
किरण पटेल की धर्मपत्नी मालिनी ने भी यही दावा किया है कि उसके पति को सरकार ने दक्षिणी कश्मीर में सेब के बागान खरीदने के लिए पार्टियों को चिन्हित करने हेतु अधिकृत किया था. जब पटेल ने कुछ ताक़तवर नेताओं और ब्यूरोक्रेट को खरीदारों की लिस्ट से हटा दिया तो उसके खिलाफ एक लॉबी काम करने लगी.
बेचारा किरण पटेल …. खाया पिया कुछ नही गिलास फोड़ा बारह आना.