त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने 21 मई तक चुनाव आयोग को पश्चिम त्रिपुरा लोकसभा क्षेत्र के बारे में विस्तृत जवाब तलब किया है। यह याचिका सीपीआई (एम) के सांसद शंकर प्रसाद दत्ता द्वारा 15 मई को दायर की गई है। याचिका में पश्चिम त्रिपुरा लोकसभा क्षेत्र का चुनाव रद्द करके नये सिरे से चुनाव करने की मांग की है । याचिका में 11 अप्रैल को मतदान के दौरान सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी द्वारा बड़े पैमाने पर हिंसा किये जाने का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय से इस सीट पर नए सिरे से मतदान कराने के निर्देश देने की मांग की गयी है । राज्य में दो लोकसभा सीटें हैं,पश्चिम त्रिपुरा और पूर्वी त्रिपुरा (एसटी)। 23 अप्रैल को पूर्वी त्रिपुरा निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव हुआ है।
सांसद के वकील तापस दत्ता मजुमदार ने कहा कि याचिका पर शुक्रवार को न्यायमूर्ति अरिंदम लोध की अदालत ने सुनवाई की और इस मामले की तात्कालिकता पर विचार करते हुये चुनाव आयोग, राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और इस सीट के रिटर्निंग ऑफिसर को नोटिस जारी किया और उनसे विस्तृत जवाब तलब किया । इसके पहले दत्ता ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था,लेकिन उच्चतम न्यायालय ने मामले को तत्काल सुनवाई करने से इनकारकर दिया था और याची को उच्च न्यायालय से इस मामले को उठाने के लिए कहा था। कांग्रेस ने भी माकपा द्वारा नए सिरे से चुनाव की मांग का समर्थन किया है।
इसके पहले चुनाव आयोग ने ख़राब कानून व्यवस्था का हवाला देते हुये त्रिपुरा पश्चिम के 168 पोलिंग बूथ पर हुई वोटिंग को रद्द कर दिया था। त्रिपुरा पश्चिम में 11 अप्रैल को वोटिंग हुई थी और चुनाव आयोग ने 168 पोलिंग बूथ पर 12 मई को दोबारा मतदान कराया है। त्रिपुरा पश्चिम में 11 अप्रैल को मतदान हुआ था। इसके बाद कांग्रेस और सीपीएम ने दावा किया कि भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा बड़े पैमाने पर धांधली और मतदाताओं को धमकाने के कारण 464 बूथों पर वोटिंग प्रभावित हुई थी। इसके अलावा बूथ कैप्चरिंग के कम से कम 10 मामले दर्ज किए गए थे।
11 अप्रैल को राज्य की लोकसभा सीट त्रिपुरा पश्चिम में चुनाव प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर राजनीतिक हिंसा और अन्य खामियों के कारण आदिवासी बहुल त्रिपुरा पूर्व की लोकसभा सीट पर 18 अप्रैल को होने वाला मतदान चुनाव आयोग ने स्थगित कर दिया था, और 23 अप्रैल को मतदान कराया है।
इसके पहले 30अप्रैल को कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजधानी दिल्ली में चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ से मुलाकात की और त्रिपुरा में सत्ताधारी भाजपा द्वारा बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाते हुए पश्चिम त्रिपुरा सीट पर फिर से मतदान कराने की मांग की। चुनाव आयोग से मुलाकात करने वाले कांग्रेस नेताओं में जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, अभिषेक मनु सिंघवी, सीट से पार्टी उम्मीदवार सुबल भौमिक के अलावा देव बर्मन भी शामिल थे। भौमिक ने बताया कि चुनाव आयोग को ‘बूथ जैमिंग’ और हिंसा के बारे में सूचित किया गया, जिसके चलते कांग्रेस के चुनाव एजेंट 11 अप्रैल को चुनाव वाले दिन कुल 1,679 मतदान केंद्रों में से 900-1000 केंद्रों में प्रवेश नहीं कर सके। माकपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी चुनाव आयोग से मुलाकात की और त्रिपुरा पश्चिम लोकसभा सीट पर पुन: मतदान की मांग की।