ट्विटर (भारत) के आज टॉप ‘हीरो-विलेन पत्रकार’ बने अजित अंजुम. कई न्यूज चैनलों के संपादक रहे और हाल-फिलहाल तक टीवी9 भारतवर्ष में शीर्षस्थ पोजीशन पर आसीन रहे अजीत अंजुम ने ट्विटर पर उन्नाव रेप कांड पीड़िता की जलाने जाने से हुई मौत को लेकर दनादन कई ट्वीट किए, कई हैशटैग के साथ.
उनके कुछ ट्वीट में बताया गया कि जो उन्नाव की बेटी के आरोपी हैं, वे ब्राह्मण हैं इसलिए उनके उच्च कुल गोत्र को देखते हुए उनके खिलाफ भक्त लोग ऐसी सक्रियता नहीं दिखा रहे जैसे हैदराबाद रेप कांड के बाद एक्टिव हुए थे.
अजीत अंजुम का आरोप है कि अगर उन्नाव की बेटी वाला कांड गैर भाजपाई राज्यों मध्य प्रदेश या राजस्थान में हुआ होता तो अब तक सारे न्यूज चैनल और सारे भक्त धरती आसमान एक कर देते.
इन ट्वीटस से बौखलाए ढेर सारे पत्रकारों, बीजेपी समर्थकों (अधिकांश ब्राह्मण) ने अजीत अंजुम को टारगेट कर लिखना, ट्वीट-रीट्वीट करना-कराना शुरू कर दिया. इसी बीच योजनाबद्ध ढंग से किसी ने ‘अजीत अंजुम कलंक है’ का हैशटैग क्रिएट कर दिया और पूरी प्लानिंग के साथ इस हैश टैग के साथ ट्वीट री-ट्वीट किया जाने लगा.
देखते ही देखते यह हैशटैग ट्वीटर पर ट्रेंडिंग ट्वीट में नंबर एक पर पहुंच गया.
इसके फौरन बाद #StandWithAjitAnjum हैशटैग क्रिएट हुआ और यह भी नंबर पंद्रह से उपर चढ़ते चढ़ते एक तक आ पहुंचा. बहुत देर तक अजीत अंजुम के पक्ष-विपक्ष में ही ट्विटर का नंबर एक और नंबर दो ट्रेंड बना रहा. बाकी ज्यादातर ट्रेंड भी उन्नाव कांड से जुड़े हुए थे.
कुल मिलाकर भारत में ट्वीटर पर आज अजीत अंजुम ही छाए रहे. पक्ष-विपक्ष दोनों उनके ही नाम रहा. इस तरह से वे आज के ‘हीरो-विलेन पत्रकार’ बने.
कहते हैं न कि अगर पब्लिसिटी मिल रही है, अच्छे या बुरे किसी भी कारण से तो आप बड़े आदमी हैं. इसी को लेकर वरिष्ठ पत्रकार अंबरीश कुमार ने फेसबुक पर एक स्टेटस अपडेट किया जिसका एक हिस्सा यूं है-
Ambrish Kumar : अजीत अंजुम अब बड़े पत्रकार बन रहे है .ट्विटर पर उनका विरोध टाप पर चल रहा है. संदर्भ उन्नाव कांड के गुनाहगारों का पूरा नाम लिख दिया.
अजीत अंजुम का ये वो ट्वीट है जिस पर सबसे ज्यादा लोग नाराज हैं….
अजीत अंजुम के कुछ अन्य ट्वीट पढ़ें…
Ajit Anjum
@ajitanjum
गौर से देख लीजिए #unnaokibeti के गुनहगारों को. सारे त्रिवेदी और वाजपेई हैं. ये केस शायद ‘भक्तों’ को बहुत सूट नहीं करेगा क्योंकि राज भी अपने योगी जी का है और गुनहगार भी अपनी बिरादरी के हैं. अगर ऐसा नहीं है तो दिखाइए अपना गुस्सा.
योगीराज में #unnaokibeti के साथ हुई बर्बरता पर स्मृति ईरानी, मीनाक्षी लेखी, निर्मला सीतारमण, मेनका, अनुप्रिया पटेल, हरसिमरत कौर समेत सत्ताधारी दल की 40 से ज्यादा महिला सांसदों के बौखलाने वाले बयान का इंतजार है.
देखना है कि #unnaokibeti पर तमाम ‘देशभक्त’, ‘राष्ट्रभक्त’ और बेटियों के लिए चिंतित चैनल, पत्रकार, एंकर का कितना खून खौलता है. योगीराज को जंगलराज कहने की हिम्मत कौन दिखाता है? राजस्थान या एमपी में ये होता तो जंगलराज का ऐलान सारे चैनल कर चुके होते..
अब देखें वो प्रमुख ट्वीट जो अजीत अंजुम के खिलाफ हैं-
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आशीष बाजपेयी
December 7, 2019 at 8:50 pm
यह इनका बीमारूपन दिखाता है। ऐसे लोग ही सामाजिक सद्भाव खराब करते हैं। यह जितने चैनलों और अखबारों में काम किये होंगे ज्यादातर1 में ब्राह्मण सहयोगी ज्यादा होंगे और मालिक वैश्य वर्ग के। जब दलितों की बस्ती की बस्ती में मुस्लिम लोग आग लगा देते हैं, मुस्लिम बस्ती से राम बारात निकलने पर पथराव हो जाता है तब इन जैसे लोग सो जाते हैं। इन्होंने कभी मुगलों की ज्यादितयों पर कभी कोई लिखा पढ़ी नहीं की होगी। न कश्मीरी पंडितों पर शायद ही लिखा होगा। शायद यह भूल गये की स्वर्गीय ब्रह्मदत्त दिवेदी ने मायावती जी की जान बचाई थी। सब जानते है सारा देश का 99 फीसदी मीडिया 2 नंबर के रुपए से चल रहा है उसपर भी लिखने में हाथ कांप गए होंगे क्योंकि खुद की दुकान चलानी है
अभय कुमार
December 7, 2019 at 10:27 pm
बेकार इंसान है,इसके पीछे इतने नामचीन लोगों को टिप्पणी करने की शायद जरूरत नही,हम इस इंसान को बहुत पहले झेल चुके है।
prashant tripathi
December 8, 2019 at 10:31 am
भूमिहार वाद चलाने के लिए कुख्यात रहे अजीत अंजुम का यह बयान चौंकाने वाला नहीं है लेकिन बलात्कार जैसी जघन्य घटना को जात पात से जोड़ना पत्रकारिता नहीं है… अजीत अंजुम जैसे लोगों को पत्रकारिता का एबीसीडी भी इसका मतलब नहीं पता.. इस दुखद घटना के पीछे की पृष्ठभूमि पर आप नजर दौड़ाएंगे तो मृतका और आरोपी के बीच में प्रेम संबंध था.. आरोपी शादी करने को कतई तैयार नहीं था.. जिसको लेकर मृतका ने एफ आई आर दर्ज करवाई थी ..अब ऐसे में हैदराबाद से उन्नाव की तुलना सरासर गलत है लेकिन उन्नाव के आरोपी को कतई माफ नहीं किया जा सकता..
ashutosh
December 8, 2019 at 12:40 pm
अजीत अंजुम पागल हो गया है….निर्भया कांड में भी पहले मौन रहा बाद में इसके अंदर का खोजी पत्रकार जाग गया….ये किस निष्पक्ष पत्रकारिता की बात करता है…नौकरी से निकाल दिए जाने के कारण इसकी कुंठा शब्दों के ज़रिए निकल रही है । इसमें भामन..ठाकुर उच्च कुल गोत्र कहाँ से आ गये ….इनकी अपनी अजेंडा पत्रकारिता है ये समाज में विष वमन का कार्य करते हैं…हैदराबाद में भी इसको लिखना चाहिए की मुसलमानों व ईसाइयों ने एक बेटी की अस्मत लूटी..लेकिन इसकी व इसके फालोवर बिरादरी के पत्रकारों की औकात नहीं है की उनके बारे में कु़छ लिख सकें…वर्ना उनकी कौम के लोग इसका अगवाडा…पिछवाड़े में डाल देंगे ! शर्म आनी चाहिए की इस सोच के साथ लोग कैसे उच्च पदों पर रहे अजीत अंजुम तुम धरती और पत्रकारिता पर बोझ हो..तुम्हे शांति प्रिय धर्म इस्लाम स्वीकार कर लेना चाहिए ! यूं स्लीपर माडुय्ल नहीं चलाना चाहिए !
Bhavi
December 8, 2019 at 9:44 pm
Yu to atankvadi muslim he to kya saare muslim aatankvadi he