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हे पाकिस्तान, एक मिसाइल फिल्म सिटी में भी दाग़ दे… आत्मा तृप्त हो जाएगी

एक सपना… पत्रकारों का पाकिस्तान पर बड़ा हमला, भारत की जीत!…. रात के क़रीब आठ बजे से कुछ मिनट ज़्यादा हो रहे हैं… पाकिस्तान के हमले का सबसे ज़्यादा गुस्सा हमारे पत्रकारों पर दिखाई दे रहा… प्राइम टाइम पर चीखें सुनाई दे रही हैं… मानो अभी जाकर लेफ्टिनेंट कर्नल सुधीर चौधरी पाकिस्तान पर हमला कर देंगे… ऐसा लग रहा है जैसे लांस नायक रोहित सरदाना अब युद्ध के लिए एक क्षण भी इंतज़ार नहीं करना चाहते… रजनीगंधा चौराहे के पीछे वाले इलाके(फिल्म सिटी) से गोलियों की तड़तड़ाहट बंद होने का नाम नहीं ले रही… नायब सूबेदार दीपक चौरसिया के हर एक ज़ुबानी हमले में कम से कम 35-40 पाकिस्तानी सैनिक घायल हो रहे हैं… ग्रेनेडियर अरनब गोस्वामी मुंबई से ही हमला कर रहे हैं…

<p>एक सपना... पत्रकारों का पाकिस्तान पर बड़ा हमला, भारत की जीत!.... रात के क़रीब आठ बजे से कुछ मिनट ज़्यादा हो रहे हैं... पाकिस्तान के हमले का सबसे ज़्यादा गुस्सा हमारे पत्रकारों पर दिखाई दे रहा... प्राइम टाइम पर चीखें सुनाई दे रही हैं... मानो अभी जाकर लेफ्टिनेंट कर्नल सुधीर चौधरी पाकिस्तान पर हमला कर देंगे... ऐसा लग रहा है जैसे लांस नायक रोहित सरदाना अब युद्ध के लिए एक क्षण भी इंतज़ार नहीं करना चाहते... रजनीगंधा चौराहे के पीछे वाले इलाके(फिल्म सिटी) से गोलियों की तड़तड़ाहट बंद होने का नाम नहीं ले रही... नायब सूबेदार दीपक चौरसिया के हर एक ज़ुबानी हमले में कम से कम 35-40 पाकिस्तानी सैनिक घायल हो रहे हैं... ग्रेनेडियर अरनब गोस्वामी मुंबई से ही हमला कर रहे हैं...</p>

एक सपना… पत्रकारों का पाकिस्तान पर बड़ा हमला, भारत की जीत!…. रात के क़रीब आठ बजे से कुछ मिनट ज़्यादा हो रहे हैं… पाकिस्तान के हमले का सबसे ज़्यादा गुस्सा हमारे पत्रकारों पर दिखाई दे रहा… प्राइम टाइम पर चीखें सुनाई दे रही हैं… मानो अभी जाकर लेफ्टिनेंट कर्नल सुधीर चौधरी पाकिस्तान पर हमला कर देंगे… ऐसा लग रहा है जैसे लांस नायक रोहित सरदाना अब युद्ध के लिए एक क्षण भी इंतज़ार नहीं करना चाहते… रजनीगंधा चौराहे के पीछे वाले इलाके(फिल्म सिटी) से गोलियों की तड़तड़ाहट बंद होने का नाम नहीं ले रही… नायब सूबेदार दीपक चौरसिया के हर एक ज़ुबानी हमले में कम से कम 35-40 पाकिस्तानी सैनिक घायल हो रहे हैं… ग्रेनेडियर अरनब गोस्वामी मुंबई से ही हमला कर रहे हैं…

इधर रायफलमैन अनुराग मुस्कान पाकिस्तानी सेना के क़रीब जा पहुंचे हैं… उनकी कमर में 6-7 पाकिस्तानी सिर बंधे हुए लटके हैं… इस युद्ध में महिला शक्ति भी दंभ भरती हुई दिखाई दे रही… पैराट्रूपर अंजना ओम कश्यप अपनी ज़ुल्फों को संवारते हुए मोर्चास्थल पर खड़ी हैं… किसी भी चरमपंथी को सीमा में लांघने का मौक़ा नहीं देना चाहतीं… लेफ्टिनेंट कमांडर किशोर अजवाणी पसीने से तर-बरत हैं… नापाक हरकत वाले सिपाहियों की एक गोली उनके कंधे पर लग चुकी है… लेकिन फिर भी वो जंग का मैदान नहीं छोड़ना चाहते… स्क्वाड्रन लीडर श्वेता सिंह के पास हथियार ख़त्म हो चुके हैं… और वो अपनी अदाओं से ही पाक सिपाहियों से भिड़ी पड़ी हैं… बीच-बीच में गनर निशांत चतुर्वेदी को भी हमला करने का मौक़ा मिल रहा है… लेकिन चारो ओर धुआं-धुआं होने की वजह से वो ठीक से हमला नहीं कर पा रहे…

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हालांकि मेजर रजत शर्मा लगातार उनका हौसला बढ़ाकर पीछे से वार पर वार किये जा रहे हैं… कैप्टन सौरव शर्मा और हवलदार नेहा पंत बुरी तरह ज़ख्मी हो गए हैं… दोनों के दाएं हाथ में गोली लगी है… और हवलदार अमिश देवगन पैर में गोली लगने से बुरी तरह कराह रहे हैं… छह दिनों तक चलने वाला ये युद्ध अब लगभग ख़त्म हो चुका है… फिल्म सिटी के सिपाहियों ने पाकिस्तानी सेना को धूल चटा दी है… सेनापति जीडी बक्शी बहुत खुश दिखाई दे रहे… उनकी रणनीति काम कर चुकी है… ‘हमले के डर से’ केरल में जाकर बैठी देशभक्तों की मंडली की छाती भी चौड़ी हो गई है… मोदी साहब गुर्रा रहे हैं… राजनाथ जी ने कहा है कि अगली बार वो निंदा नहीं करेंगे… दोबारा पत्रकारों को ही ज़िम्मेदारी सौंपी जाएगी…

सुषमा साहिबा की खुशी उनके चेहरे से साफ झलक रही है… इस बार वो नवाज़ की बीवी को साड़ी भेंट करने की सोच रही हैं… उधर कोने में बैठकर देशद्रोही रवीश कुमार, पुण्य प्रसून बाजपेयी, बरखा दत्त, नवीन कुमार छाती पीट रहे हैं… भारत की जीत का उन्हें बहुत दुख है… देश के चौकीदार ने साफ कह दिया है कि यूपी चुनाव में भी अब अपनी इसी सेना को वो मैदान में उतारेंगे… जो उन्हें ‘मिशन राम मंदिर’ में जीत दिलाएगी… मैं आदरणीय पाकिस्तान से विनम्र अनुरोध करना चाहूंगा… कि एक मिसाइल फिल्म सिटी में भी दाग़ दे… आत्मा तृप्त हो जाएगी…

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इस व्यंग्य कथा के लेखक पत्रकार संजय सिंह हैं. उनका यह लिखा उनकी फेसबुक वॉल से लिया गया है.

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0 Comments

  1. jyotika Patteson

    September 30, 2016 at 4:35 am

    बेहतरीन write up है.. संजय.. खुश हूँ.. कि के जे एम से जो सीख कर निकले थे आज भी वो तेवर तुम में जिंदा है.. यही दुआ है कि ये तेवर सदा जीवित रहे स्वार्थी हो चुके मीडिया हाउस अब जीवित पत्रकारों की कब्र बनते जा रहे है… जो पत्रकार उद्योगपतियो की गोद में बैठे है उनके लिए इंसानियत के मायने बदल चुके है… लेकिन अच्छे और सच्चे पत्रकारो के लिए न्यूज रूम अब घूटन भरा हो चुका है… क्योंकि अब मुकाबला खबरो का नही खुलासो का नही… चटुकारिता का पैसो का है.. यही दुआ है कि तुम इन सब से जितना हो सके दूर बनो रहो… बाकी अच्छे लेखन के लिए पुनः बधाई….

  2. vivek verma

    October 1, 2016 at 3:33 pm

    वाह संजय वाह…..क्या लिखा है….लेकिन जो भी लिखा है…वाकई काबिले तारिफ है….बस इसी जोश को हमेशा जिन्दा रखना…

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