दैनिक भास्कर अखबार के मालिक और संपादक लोग महानता की ऐसी राह पर चल पड़े हैं जहां उन्हें लगता है कि वे जो भी कह कर देंगे, वही दुनिया फालो करेगी, उसी राह पर चलेगी और उसी को पत्रकारिता मानेगी. तभी तो इस अखबार के मालिक और संपादक ऐसी ऐसी खबरें छापने लगे हैं जिसे पढ़ देखकर लोग कहते हैं क्या अब ऐसी ही खबरें छापने के लिए अखबार बचे रहेंगे? इससे अच्छा तो है कि ये अखबार बंद हो जाएं ताकि पेड़ पर्यावरण बचे और झूठ की दुकान का कारोबार कम हो जाए.
भास्कर ने ये खबर अखबार के अलावा अपनी वेबसाइट पर भी प्रकाशित किया है. अखबार और वेबसाइट, दोनों ही जगहों पर प्रकाशित इस खबर का स्क्रीनशाट देखिए….