Manish Srivastava : आपके सामने उत्तर प्रदेश की नौकरशाही की वो असल तस्वीर पेश कर रहा हूँ जिसके जाल को तोड़ने में सन्यासी मुख्यमंन्त्री योगी आदित्यनाथ पूरी तरह फेल साबित हो रहे हैं। योगी जी स्वयं देखिए आयुष सोसायटी के एक जिम्मेदार वित्त अफसर ने खुद लिखा है कि मेरे ऊपर गलत कार्य करने का दबाव डाला जा रहा है। इसलिए मेरा इस्तीफा स्वीकार किया जाए।
ये दबाव उच्च स्तर से डाला जा रहा है। आप भी समझ रहे हैं, न उच्च स्तर का क्या अर्थ है और गलत कार्य भी कोई दस पांच लाख का नहीं है। योगी जी यही पूरे प्रदेश की नजीर है जहां भ्रष्ट अफसर मनमाफिक भुगतान करा रहे हैं करोड़ों के घोटालों की इबारत लिख रहे हैं सिर्फ आपको ही सबकुछ हरा हरा दिखाया जा रहा है। आपको एक उदाहरण और देता हूँ कुछ दिन पहले बेहद महत्वपूर्ण महकमे से जुड़े एक बड़े अफ़सर ने मुझे बुलाया था।
इस महकमे की एक ऐसी अहम योजना से ये अफसर जुड़े थे जिसका सीधा संबंध ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकताओं से था क्योंकि योजना ही उनकी है। वो अफसर भी कुछ इसी तरह बेहद परेशान थे और अपना तबादला कराने की गुहार लगा रहे थे क्योंकि उनसे भी बड़ा फर्जी भुगतान करने को दबाव बनाया जा रहा था। पूरी बात सुनते ही मैं खुद हक्का बक्का रह गया। उनसे एक कद्दावर आईएएस (विभागीय प्रमुख) सीधे बोले कि तुमको नियम समझाने नहीं बुलाया, दस्तखत करो और जाओ। लेकिन वो अफसर भी पक्के थे, बोले मनीष भाई नौकरी गयी तेल लेने। गलत काम तो नहीं करूंगा। उन्होंने मुझे सिर्फ इतना कहा कि अगर मेरी जुबान खुल गयी तो सब हिल जाएगा। आप सिर्फ पिछला और अबका बजट देख लीजिए।
इत्तेफाक से वो भी वित्त सेवा के ही अफसर थे। मैं तत्काल प्रकरण की संवेदनशीलता को समझ गया। उनके विभागीय प्रमुख भी कोई छोटी हस्ती नहीं हैं। जो बड़े अफसर उत्तर प्रदेश को लूट का अड्डा बनाएं हैं उनमें उनका नाम भी बड़े सम्मान से लिया जाता है। इस आईएएस की कई कहानियां मैं भी जानता हूँ कितने पानी में हैं और कितने बड़े अय्याश हैं। खैर उत्तर प्रदेश के तमाम महकमों में भ्रष्टाचार की ये गाथाएं तैर रही हैं, बस मुख्यमंन्त्री को ही नजर नहीं आती। नौकरशाही के इन मजबूत भ्रष्ट वृक्षों को काटिये अन्यथा ये आपके सुशासन की मंशा को काट देंगे। इसमें आपके द्वारा यूपी में सिंह इज किंग को बढ़ावा देने वाले तमाम महानुभाव अफसर भी हैं जिनको गुमान है कि मेरा तो बाल बांका भी किसी स्तर से न हो पायेगा।
योगी जी राजसत्ता में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेन्स की नीति ये नहीं होती। सिर्फ आपके अफसर भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की जद में आये सरकारी कर्मियों के आंकड़े अखबारों-चैनलों में निकलवाकर आपको सिर्फ सुनहरा ख्वाब दिखा रहे हैं। कमोबेश आपका आधा कार्यकाल ही अब बचा है। नौकरशाही ही नहीं, आपके बेलगाम मंत्रियों को भी अवैध कमाई की हवस का ऐसा शौक है कि क्या कहा जाए। इसमें वो मंत्री सबसे आगे हैं जो बेहद हाईप्रोफाइल दर्जे से आएं हैं।
आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन बड़ी शर्मिंदगी से कहना पड़ रहा है कि उत्तर प्रदेश में एक ईमानदार संन्यासी मुख्यमंन्त्री के सत्तासीन होने के बावजूद तिगुना भ्रष्टाचार बढ़ा है। आपसे उम्मीदें हैं जिनको जिंदा रखिये वरना इतिहास आपको ऐसे शासक के रूप में जरूर जिंदा रखेगा जिसके कार्यकाल में यूपी में भ्रष्टाचार के सारे कीर्तिमान टूट गए थे। जबकि आपकी नीयत और मंशा सिर्फ पारदर्शी शासन देने की है।
लखनऊ के बेबाक पत्रकार मनीष श्रीवास्तव की एफबी वॉल से.