श्याम मीरा सिंह-
जो दोस्त वीडियो/कंटेंट बनाना चाहते हैं। उनके लिए सलाह… मैंने अपने काम की शुरुआत में ही एक ठीक-ठाक बजट खर्च किया था। लेकिन वो मेरा मुख्य काम था। इसलिए उसे आज भी सही मानता हूँ। लेकिन आपको इसकी बिल्कुल भी ज़रूरत नहीं है। सच ये है कि मैं आज बेहद कम चीजों के साथ शूट करता हूँ। पहले ज़्यादा ताम-झाम थे। और आज वीडियो क्वालिटी ज़्यादा अच्छी है। तो सुनिए क्या क्या ख़रीदना है बस।
शुरुआत में रिंग लाइट ख़रीद सकते हैं, 3100₹ करीब की आएगी। मैंने दो ख़रीद रखी हैं तो ज़्यादा अच्छी लाइट रहती है। एक से भी भरपूर काम चल सकता है। कोई कमी नहीं आती एक से। मेरा तो काम ही यही है तो मैं ऐसे उलूल-जुलुल खर्चे कर सकता हूँ। मेरी मर्ज़ी। माइक ज़रूर ख़रीदें, ये आपके बजट पर है। काम चलाना है शुरू में 1200₹ का बहुत है। पैसे हैं तो मेरे वाला Rode का माइक है। 30 हज़ार तक में आ जाएगा। पर आप 1200₹ ही डालें शुरू में।
मोबाइल या कैमरा? मैं शुरू में कहूँगा मोबाइल। ट्राइपॉड, कोई भी 1200₹ तक का ले लो। 4 हज़ार में भी आते हैं, और उससे भी महँगे। टेलीप्रोम्प्टर, मोबाइल एप से काम चलाएँ। मैं अपने ट्राईपोड पर लगे कैमरे के ऊपर ही एक माउंट सा लगाकर उसमें मोबाइल लगा देता हूँ। और उसी में स्क्रिप्ट पढ़ता हूँ।
मेरी तरफ़ से रिकमंड- मोबाइल (जो आपका हो), 1200₹ का माइक, 1200₹ का ट्राइपॉड।
हमेशा ध्यान रखें जब शूट करें तो कमरे में पर्याप्त लाइट हो। नैचुरल लाइट का सहारा लें। साउंड का ज़रूर ध्यान दें। आवाज़ ईको ना करे। लोग इसका ध्यान ही नहीं देते। आवाज़ ईको करे तो नीचे गद्दा बिछा लें। मैं अपने बिस्तर, गद्दा, कंबल बिछा लेता हूँ नीचे। जिससे आवाज़ ईको नहीं करती। इससे ज़्यादा सलाह नहीं दे सकता। जिसको करना होगा वो YouTube पर देखकर कर लेगा।
गिरिजेश वशिष्ठ-
यूट्यूब प्रोडक्शन के कौशल दिखाने का माध्यम नहीं है. पैसे खर्च करके जोखिम नहीं लेना चाहिए . जो लोग कर्मचारी बगैरह रख लेते हैं या इक्विपमेन्ट खरीद लेते हैं उन्हें जल्द ही परफार्म करने का दबाव होता है. 850 रुपये का माइक और साठ रुपये की बुध बाजार वाली लाइट से मैंने शुरू किया था.
एक टेलीप्राम्प्टर भी बनाया था खाली डिब्बे से पर प्राम्प्टर से पढ़ने में रवानगी नहीं आती इसलिए उसका इस्तेमाल बंद कर दिया. हाथ में कागज पर प्रिंट ले लें या किसी नोटबुक में लिख लें पॉइन्ट.. या मोबाइल से ही पढ़ लें. कैमरा पहले से था तो इस्तेमाल कर लिया. लोग महंगे फोन की बात करते हैं. सस्ता सुंदर टिकाऊ जो भी फोन आपके पास है वो बेस्ट है. 5000 वाला फोन भी काफी है. 800 का ट्राइपाड, साठ रुपये की लाइट 850 का माइक था मेरे पास एडिटिंग भी एक बेहद पुराने कंप्यूटर से किया करता था डीडीआर 2 रैम वाला था वो. अब भी मेरे पास कोई बड़ा साजो सामान नहीं है.
मैं अपने सभी काम खुद करता हूं. जैसे ही आप संसाधन झोंकते हैं, सबसे पहले आप आर्थिक दबाव में आते हैं किसी भी प्रकार का दबाव आपकी स्वतंत्रता को प्रभावित करता है. आपके पास जो बेस्ट है वो समाज को दें, आपकी ज़रूरत समाज पूरी करेगा.