Dayanand Pandey : आज हमारे जानेमन यारों के यार यशवंत सिंह का शुभ जन्म-दिन है। व्यवस्था से किसी को टकराना सीखना हो तो वह यशवंत सिंह से सीखे। अपनों से भी किसी को टकराना सीखना हो तो वह यशवंत से सीखे। यहां तक कि अपने-आप से भी किसी को टकराना सीखना हो तो भी वह यशवंत से सीखे। अपने आप को गाली सुनाने और सुनने की क्षमता भी किसी को पानी हो तो यशवंत से पाए। पारदर्शिता की इंतिहा भी हैं यशवंत सिंह।
मैं उनको उनकी फकीरी, फ़क्कड़ई और बहादुरी के लिए जानता हूं। मीडिया के थके-हारे, पराजित लोगों को जिस तरह सुस्ताने के लिए, रोने के लिए, साहस और भरोसा देने के लिए अपना अनमोल कंधा वह सर्वदा उपस्थित कर देते हैं वह अन्यत्र दुर्लभ है। मीडिया के असंख्य स्पीचलेस लोगों के लिए जिस तरह वह भड़ास 4 मीडिया के मंच के मार्फत वायस आफ स्पीचलेस बन जाते हैं, वह बहुत ही सैल्यूटिंग है।
आज वह 44 साल के हो गए हैं। अभी कुछ समय पहले वह जेल गए थे, मीडिया घरानों के खिलाफ लड़ते हुए। कई सारे मीडिया हाऊस मिल कर उन के खिलाफ पिल पड़े थे। कि वह जेल से बाहर ही न आ पाएं। पर वह आए और एक दिलचस्प किताब ‘जानेमन जेल’ भी लिखी। लेकिन जब वह जेल में थे तभी मैंने उनकी बहादुरी और संघर्ष को रेखांकित करते हुए एक लेख लिखा था। लेख का लिंक नीचे देते हुए, उनके इस जुझारू जज़्बे को सैल्यूट करते हुए उन्हें जन्म-दिन की बधाई दे रहा हूं।
बीती आधी रात भी मेसेंजर पर उन्हें बधाई दी थी। फ़ौरन उनका वीडियो काल आया। वह लहालोट थे, जश्न में थे, बहू के साथ नृत्यरत! बजते हुए गीत और नृत्य के बीच वह बार बताते रहे, आप की बहू है, बहू! और बहू नृत्य में उनके साथ होते हुए भी गंवई और पारिवारिक लाज, ओढ़े हुए थीं। मर्यादा और यशवंत के मान का निर्वाह करते हुए। ईश्वर से प्रार्थना है कि ऐसे ही सपरिवार स्वस्थ, मस्त और प्रसन्न रहें यशवंत सिंह। लव यू जानेमन यशवंत सिंह, लव यू!
यह समय यशवंत के खिलाफ़ आग में घी डालने का नहीं, यशवंत के साथ खड़े होने का है
http://sarokarnama.blogspot.in/2012/07/blog-post.html
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार दयानंद पांडेय की एफबी वॉल से.
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Comments on “44 के हुए यशवंत को वरिष्ठ पत्रकार दयानंद पांडेय ने यूं दी बधाई”
Aapko janmdin ki haardik shubhkaamnaayein.
व्यवस्था से किसी को टकराना सीखना हो तो वह यशवंत सिंह से सीखे। अपनों से भी किसी को टकराना सीखना हो तो वह यशवंत से सीखे। यहां तक कि अपने-आप से भी किसी को टकराना सीखना हो तो भी वह यशवंत से सीखे। अपने आप को गाली सुनाने और सुनने की क्षमता भी किसी को पानी हो तो यशवंत से पाए। पारदर्शिता की इंतिहा भी हैं यशवंत सिंह।
Many Many happy Returns of the Day.
Happy Birthday
Com. Shri Yashwan Bhai.