दैनिक जागरण के मुकाबले में आज टाइम्स ऑफ इंडिया
आज के हिन्दुस्तान टाइम्स में पहले पन्ने पर एक खबर है, “सरकार ईडी (एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट यानी प्रवर्तन निदेशालय) का दुरुपयोग कर रही है मैंने कभी किसी का नाम नहीं लिया : मिशेल”। क्रिश्चियन मिशेल अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीद घोटाले में विदेशी अभियुक्त हैं और उसे दुबई से प्रत्यर्पण के बाद भारत लाया गया है। उसके हवाले से इस घोटाले में शामिल लोगों के नाम छपते रहे हैं। और आज यह खबर है कि उसने कभी किसी का नाम ही नहीं लिया। जाहिर है, आज के अखबारों में खेल इसी पर होना था। इंडियन एक्सप्रेस में भी यह खबर इसी शीर्षक से है। यहां यह भी जोड़ा गया है कि “ईडी ने चार्जशीट ‘लीक’ की है”। एक्सप्रेस में इसके साथ सिंगल कॉलम में खबर है, प्रधानमंत्री ने एपी और एफएएम (अंग्रेजी के फैमिली यानी परिवार का संक्षित रूप) की चर्चा की, जेटली ने कहा डायरी मान्य हो सकती है। एक्सप्रेस ने इसके साथ बताया है कि अंदर के पन्ने पर इस मामले में उसकी रिपोर्टिंग का विवरण है और एक्सप्रेस इस मामले में रिपोर्टिंग करता रहा है जिसका ब्यौरा आज फिर छपा है। हालांकि, आज मैं उसपर चर्चा नहीं कर रहा।
हिन्दुस्तान टाइम्स में पहले पन्ने पर प्रधानमंत्री का भाषण है पर उसमें एपी या एफएएम के जिक्र को प्रमुखता नहीं दी गई है। टाइम्स ऑफ इंडिया में यह खबर लीड है। शीर्षक है, प्रधानमंत्री ने अहमद पटेल का नाम लिया, अगस्ता घोटाले में गांधी परिवार की ओर इशारा किया। इस खबर का इंट्रो है, कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक सिक्के के दो पहलू हैं। इस खबर का विस्तार अंदर के पन्ने पर है। मैं सिर्फ पहले पन्ने की चर्चा कर रहा हूं। चार कॉलम, दो लाइन के इस शीर्षक के तहत इंट्रो के अलावा मिशेल का बयान भी है जो हिन्दुस्तान टाइम्स और इंडियन एक्सप्रेस में भी है। कायदे से मिशेल के बयान के बाद प्रधानमंत्री को नाम नहीं लेना चाहिए था और उन्होंने लिया तो यही “खबर” है। पर जिसे मिशेल का बयान नहीं मालूम वह तो प्रधानमंत्री के आरोप को सच मानेगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने प्रधानमंत्री के बयान को हाईलाइट करने के साथ अरुण जेटली का बयान और अहमद पटेल की प्रतिक्रिया भी छापी है। अहमद पटेल ने कहा है कि चुनाव का समय है और जुमलों की बारिश हो रही हैं…. ऐसा लगता है जैसे ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) एनडीए (राजग) का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। आपने सुना होगा …. चोरों को सारे नजर आते हैं चोर। ये है चुनाव प्रचार का स्तर और इस तथ्य के बावजूद कि ईडी ने जो पूरक चार्जशीट दाखिल की है उसमें अहमद पटेल को अभियुक्त नहीं बनाया गया है। टेलीग्राफ ने इस खबर को अंदर के पन्ने पर छापा है। ऊपर प्रधानमंत्री के सांकेतिक आरोप का शीर्षक है, पीएम प्वायंट्स चॉपर फिंगर नीचे मिशेल का दावा है कि मैंने किसी का नाम नहीं लिया।
हिन्दुस्तान ने इस खबर को दूसरी तरह से छापा है। फ्लैग शीर्षक है, “अगस्ता मामला : भाजपा ने एपी और फैम पर जवाब मांगा, कांग्रेस बोली – झूठ गढ़ने की कोशिश”। मुख्य शीर्षक है, “मिशेल के ‘बयान’ पर बवाल”। हिन्दुस्तान ने अरुण जेटली और अहमद पटेल के साथ कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला का भी बयान छापा है, ईडी ने तथाकथित आरोप पत्र के एक अप्रमाणित पेज को चुनावी हथकंडे के तहत लीक किया है ताकि चुनाव में मोदी सरकार की तय हार से ध्यान भटकाया जा सके।
नवभारत टाइम्स ने इसे (प्रधानमंत्री के आरोप को) लीड बनाया है। शीर्षक है, कांग्रेस के खिलाफ पीएम मोदी ने खेला हेलीकॉप्टर शॉट। इसमें हाईलाइट किया गया है, हेलीकॉप्टर सौदे के दलालों ने जिन्हें घूस देने की बात कही है उनमें एक एपी है और दूसरा एफएएम … एपी का मतलब अहमद पटेल है और एफएएम का मतलब फैमिली है। अखबार ने इसके साथ मिशेल का बयान भी छापा है। दिलचस्प यह है कि अखबार ने इस मामले से (हेलीकॉप्टर सौदे, भाजपा या प्रधानमंत्री) से अलग नेशनल हेरल्ड मामले में कल आया एक फैसला छापा है। यह कांग्रेस और राहुल गांधी से संबंधित है। हेरल्ड मामले में जब फैसला राहुल के खिलाफ आया था (हेरल्ड हाउस खाली करने का) तब खबर कैसे छपी थी औऱ अब जब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्टे लगा दिया है तो देखिए कि यह खबर पहले पन्ने पर है कि नहीं। नवोदय टाइम्स में प्रधानमंत्री के आरोप या मिशेल का बयान पहले पन्ने पर नहीं है।
अमर उजाला में प्रधानमंत्री की रैली की खबर लीड है। शीर्षक है, आतंकवादी मरते हैं तो कुछ लोगों को रोना आता है मोदी। अखबार ने इसके साथ देहरादून ब्यूरो की खबर छापी है जिसका शीर्षक है, कांग्रेस में भ्रष्टाचार एक्सीलेटर पर विकास वेंटिलेटर पर होता है। इसमें वही आरोप हैं और इसके साथ अहमद पटेल का जवाब भी। यहां पटेल का जवाब अलग है – गटर लेवल पॉलिटिक्स। दैनिक भास्कर में प्रधानमंत्री की रैली या भाषण पहले पन्ने पर नहीं है। मिशेल का बयान पहले पन्ने पर सिंगल कॉलम में है। दैनिक भास्कर में पहले पन्ने पर एक खबर है जो दूसरे अखबारों में नहीं दिखी। इसके मुताबिक, जेएनयू मामले में दिल्ली सरकार ने कहा है कि दिल्ली पुलिस ने गुपचुप तरीके से जल्दबाजी में चार्जशीट दायर की।
दैनिक जागरण में यह खबर टाइम्स ऑफ इंडिया की ही तरह लीड है और कई खबरें एक साथ छपी हैं जिससे पाठक के लिए कुछ भी तय करना मुश्किल होगा। मुख्य शीर्षक है, अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले पर सियासी घमासान। अभी तक प्रधानमंत्री रैलियों में पूछ रहे थे यहां केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली पूछते हुए बताए गए हैं कि आरजी, एपी और एफएएम कौन हैं। हालांकि, जागरण ने प्रधानमंत्री की ओर से भी यह सवाल छापा है और बताया है कि प्रधानमंत्री ने देहरादून की आमसभा में पूछा। मतलब कि मिशेल के यह कहने और इस तथ्य के बावजूद कि पूरक चार्जशीट में अहमद पटेल का नाम नहीं है, जेटली दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस करके औऱ प्रधानमंत्री रैली में आरोप लगा रहे हैं और मीडिया वाले संबंधित लोगों के पक्ष के साथ छाप रहे हैं।
यह सब तब है जब 3,600 करोड़ रुपए के हेलीकॉप्टर सौदे में घूस के आरोप की जांच इटली में हो चुकी है और रक्षा व एयरोस्पेस उपकरण बनाने वाली कंपनी फिनमेकानिका के पूर्व अध्यक्ष गियूसेपे ओरसी और कंपनी की हेलीकॉप्टर निर्माण इकाई अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ ब्रूनो स्पेगनोलिनी को इटली की एक अदालत रिश्वत देने के आरोपों से बरी कर चुकी है। मतलब इटली की अदालत में घूस देने का आरोप साबित नहीं हुआ और भारत में इस बात की जांच चल रही है कि उसने घूस किसे दी। और सौदे के समय सरकार में रहे या सत्ता के करीबी लोगों को लपेटने की कोशिश चल रही है जबकि रिश्वत देने के आरोप में सौदा रद्द किया जा चुका है। उसी सरकार ने कर दिया था जिसने सौदा किया था और सीबीआई की जांच शुरू की थी। वैसे, तथ्य यह भी है कि मिलान अदालत के आदेश के बाद भी इटली के अधिकारियों के पास अपील करने का एक विकल्प है। इस मामले में वायुसेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी (पता नहीं यह सेना का अपमान है कि नहीं) समेत कुल 18 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
वरिष्ठ पत्रकार और अनुवादक संजय कुमार सिंह की रिपोर्ट।