सादर नमस्कार
‘रिपोर्टर है प्रभारी हेडमास्टर, इसलिए स्कूल विवाद की खबर दैनिक जागरण में नहीं छपी’ शीर्षक से एक खबर का प्रकाशन भड़ास4मीडिया डाट काम पर किया गया है. इस खबर को लिखने से पूर्व सत्यता भी पता लगाना चाहिए था. सम्मानित संपादक महोदय,आपका ध्यान आपके पोर्टल पर चल रहे इस समाचार ”रिपोर्टर है प्रभारी हेडमास्टर, इसलिए स्कूल विवाद की खबर दैनिक जागरण में नहीं छपी” की तरफ सादर आकृष्ट कराना चाहता हूँ. इस खबर को लेकर मेरी निम्न आपत्तियां हैं-
1-बिना दोषी सिद्ध हुए प्रार्थी क़ा नाम लिखा गया और प्रार्थी क़ा पक्ष भी नहीं लिया गया।
2-समाचार की भाषा एक शिक्षक की गरिमा व मान सम्मान को ठेस पहुंचाया है।
3-अपनी व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने के लिए कथित शिक्षिका द्वारा ही ताला बंद कराया गया और फर्जी पाठक के नाम से अपनी राइटिंग में शिक़ायत किया जिसकी पुष्टि जांच में हो सकती है।
4- विद्यालय पर सितंबर 2015 से 4 जुलाई 2019 तक श्रीमती नम्रता सिंह प्रभारी रहीं जबकि शिकायतकर्ता शिक्षिका श्रीमती निकेता शंखधार 4 जुलाई 2019 से 23 जून 2020 तक स्वयं प्रभारी रहीं हैं। उनके द्वारा बच्चों के लिए क्या किया गया सिर्फ शिकायतें?
5-प्रार्थी 23 जून 2020 को प्रभार लिया और 8 सितंबर को स्वास्थ्य खराब होने के कारण प्रभार छोड़ने के लिए विभाग से अनुरोध किया। प्रार्थी मूल रूप से दूसरे विद्यालय पर कार्यरत हैं।
6- मार्च 2020 में बीएसए महोदय द्वारा जारी आदेश में नम्रता सिंह क़ा एक वेतनवृद्धि रोकते हुए श्रीमती निकेता शंखधार को अभिलेख ठीक करने क़ा निर्देश दिया गया। फिर मेरी जिम्मेदारी कैसे?
7-मेरे ढाई महीने के कार्यकाल में एक गार्जियन ने टीसी मांगा, उस संबंध में मैंने अपनी आख्या विभाग को भेज दिया था। अभिलेख में उनके पाल्य कक्षा 8 पास नहीं थे।
8-जो शिक्षिका स्वयं को इतना सही बता रहीं हैं वह अभय श्रीवास्तव के पहले एक वर्ष प्रभारी थीं, उनको भी लिखा जाना चाहिए था। जिम्मेदारी से वह भी नहीं बच सकतीं। सिर्फ दूसरों के खिलाफ शिक़ायत करने के लिए ही उन्होंने एक वर्ष तक भारी भरकम वेतन उठाया।
आप अपने पोर्टल के माध्यम से अपनी निष्पक्षता दिखाइए और सही लिखिए। आपसे अनुरोध है कि उक्त आपत्तियों /तथ्यों पर विचार करते हुए संशोधित समाचार प्रकाशित करने क़ा कष्ट करें। बीएसए महोदय के संदर्भित आदेश की प्रति अलग से मेल पर प्रेषित है।
सादर!
अभय श्रीवास्तव
मूल खबर-