Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

यूपी में परिवहन विभाग का भ्रष्टाचार उजागर करने वाले पत्रकार अमित मौर्य पर हुआ मुकदमा!

उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने “अचूक संघर्ष” अखबार के संपादक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है. ये अखबार बनारस से निकलता है. समाचार पत्र “अचूक संघर्ष” में परिवहन विभाग में चल रहे करोड़ो के काले कारोबार की एक्सक्लूसिव खबरें लगातार दो बार प्रकाशित की गई थीं. इन खबरों में बताया गया कि भ्रष्टाचार के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में परिवहन मंत्री दयाशंकर सीधे-सीधे जिम्मेदार व हिस्सेदार हैं. इस खबर से मंत्री जी का पारा चढ़ गया और “अचूक संघर्ष” के संपादक अमित मौर्य पर मुकदमा दर्ज करा दिया.

जिस प्रमोद सिंह के संबंध में “अचूक संघर्ष” समाचार पत्र खबर का प्रकाशन किया गया, उसी से तहरीर दिला कर बिना जांच के ही मुकदमा दर्ज करा दिया गया. संपादक अमित मौर्य कहते हैं- ‘जब मैं अपने घर से निकला ही नहीं तो उसके (आरोप लगाने वाले प्रमोद सिंह) के घर कैसे पहुंच गया? जिस वक्त के आरोप लगाए गए हैं उस वक्त जबकि मैं अपने आवास पर ही था जिसके सीसीटीवी फुटेज भी हैं।’

“अचूक संघर्ष” के संपादक अमित मौर्य उर्फ अमित कुमार सिंह के खिलाफ पूर्वांचल ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रमोद सिंह ने थाना पांडेयपुर-लालपुर वाराणसी में 28 सितंबर 2023 को धारा 386, 389, 504, 506 में मुकदमा दर्ज कराया है। प्रमोद सिंह का आरोप है कि अमित मौर्य ने उनसे कहा कि आप आरएस यादव की मुकदमे की पैरवी मत करिए तो आरएस यादव आपको 1 करोड़ देंगे, अगर आप उक्त मुकदमे से नहीं हटते हैं तो 1 लाख रुपया प्रतिमाह मुझे आप को देना पड़ेगा, आप पैसा नहीं देते है तो मैं आप के खिलाफ अपने समाचार पत्र अचूक सँघर्ष में खबर निकालूंगा, जिससे आप की छवि खराब होगी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस संबंध में अचूक संघर्ष समाचार पत्र के संपादक अमित मौर्य ने पुलिस आयुक्त वाराणसी को एक प्रार्थना पत्र दिया है, जिसमें उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने का अनुरोध किया है।

अमित कुमार ने लिखा है कि उनके खिलाफ जो मुकदमा दर्ज कराया गया है उसमें कोई सत्यता नहीं है। जिस दिन की बात प्रमोद सिंह द्वारा की गई है उस दिन तो मैं अपने ऑफिस, जहां कि मैं स्वयं रहता भी हूं, वहां से निकला तक नहीं। पत्र में लिखा है कि चूंकि प्रमोद कुमार सिंह से उनके संबंध हैं तो आना जाना लगा रहता है, लेकिन इधर काफी समय से मैं उनके घर गया भी नहीं जिसकी पुष्टि सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से की जा सकती है। जब आरएस यादव जेल में थे तब मेरा अखबार भी नहीं निकलता था। ऐसे में सारे आरोप किसी गहरी साजिश की ओर इशारा करते हुए किसी के दबाव और साजिश में आकर लगाया जाना प्रतीत हो रहे हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

संपादक अमित मौर्य ने पुलिस आयुक्त को स्वयं द्वारा दिये गए प्रार्थना पत्र में लिखा है कि ये सब मन गढ़ंत आरोप लगाया गया है कि परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार की खबर न छपे और आगे इस तरह का दबाव बना रहे। पत्र में अमित मौर्य ने कहा कि चूंकि उन्होंने 20 सितंबर से 3 अक्टूबर के संयुक्तांक में इनके खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़ी खबर छापा था, सो इसी खुन्नस में झूठी तथ्यविहीन मुकदमा दर्ज करवा दिया गया है दबाव बनाने के लिए।

यहां यह बताना जरूरी है कि उप परिवहन आयुक्त वाराणसी परिक्षेत्र कार्यालय द्वारा खुद प्रमोद कुमार सिंह के खिलाफ शासन में उच्चाधिकारियों को लिखा गया है कि ये परिवहन विभाग के अधिकारियों से वसूली के लिए शिकायत करते है।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement