भारत में जातिवाद किस कदर जन जन के मन में भरा पड़ा है, इसका उदाहरण ये पत्र है. इस पत्र के लेखक पंडीजी ने ये जानकारी दी है कि पटेल जी को अखबार का नया तहसील प्रभारी बनाया गया तो इसकी जानकारी शुक्ला जी पुराने तहसील प्रभारी को नहीं दी गई. यानि बिना शुक्ला जी को जानकारी दिए ही पटेल जी को प्रभारी बना दिया गया. इसके विरोध में पंडीजी लोगों ने न्यूज एजेंसी बंद करने का ऐलान कर दिया है.
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