
यह आज के दैनिक भास्कर में प्रकाशित हुआ है। मुज़फ्फरपुर संस्करण में। बिहारियों पर तमिलनाडु में हमले की हिंदी में छापी गई फ़र्ज़ी ख़बर के लिए अंग्रेजी में माफ़ी माँग ली दैनिक भास्कर ने।
अख़बार ने ग़ज़ब की बदमाशी की है। भ्रम फैलाया हिंदी में। लाखों लोगों तक फर्जी खबर पहुँची। कोर्ट ने जब खंडन छापने के लिए कहा तो अंग्रेज़ी की याद आ गई। इसके पीछे मक़सद ये रहा होगा कि खंडन को कम से कम लोग पढ़ सकें जिससे अख़बार की बदनामी न हो। इसके अलावा और क्या कारण हो सकता है?