आज आपसे जून 2014 की अपनी एक पुरानी खबर शेयर कर रहा हूँ। जब लगातार बिजली घोटालों की परतें खोलीं तो साढ़े तीन करोड़ का बिजली बिल तक अफसरों ने भेजा था। फिर जब ये खबर छपी तो अगले ही दिन बिल 86 हजार कर दिया गया था। खैर बीते एक दशक के दौरान बिजली महकमें में हजारों करोड़ के भ्रष्टाचार का करंट दौड़ाया गया।
मैंने लगातार तत्कालीन एमडी एपी मिश्रा समेत बड़े अफसरों के घोटालों को साक्ष्यों समेत उजागर किया। किसी भी सरकार ने ऐसे भ्रष्टों पर कोई कार्रवाई नहीं की। पूर्व सीएम अखिलेश ने तो एपी मिश्रा की पुस्तक का विमोचन करते हुए उन्हें ईमानदार तक कह डाला। कहते हैं आपको इसी जन्म में अपने पापों की सजा भुगतनी होती है आखिर आज बेहद रसूखदार एमडी रहे एपी मिश्रा को रिटायरमेंट के बावजूद सलाखों के पीछे जाना ही पड़ा।
आज मानो सारे अखबार/चैनल भी अचानक नींद से जाग गए हैं और लगातार आपको एपी मिश्रा के भ्रष्टाचार की राम कहानी दिखा रहे हैं क्योंकि बहती गंगा में सभी को हाथ धोना है। जब ये अफसर पद पर थे तब एक खबर न लिखी गयी। बिजली महकमा घोटालों से भरा है। सिर्फ यही नहीं, पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल के भाई की कम्पनी तक हजारों करोड़ के ट्रांसफार्मर घोटाले में शामिल है। इस पर भी मैंने खूब लिखा था। इसकी जांच कराने से आज की योगी सरकार भी कतरा रही है।
ऐसे तमाम घोटाले हैं इस विभाग में। खैर आज नहीं तो कल एपी मिश्रा की तरह इन घोटालों में शामिल भ्रष्ट अफसरों को भी जेल जाना ही पड़ेगा क्योंकि देर से सही सत्य सामने आ ही जाता है। भले वो कितना ही रसूखदार ही क्यों न हो। दर्जनों ऐसे बड़े व रसूखदार नाम हैं जिनको एजेंसियां स्कैनर पर लेकर जांच करें तो बिजली महकमे के कई विस्फोटक खुलासे हो सकते हैं।
साथ ही आपको ये विश्वास भी दिलाता हूं भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरा संघर्ष पूरी ईमानदारी और बेबाकी से अंतिम सांस तक हमेशा जारी रहेगा….
सत्यमेव जयते
टिप्पणीकार मनीष श्रीवास्तव लखनऊ के तेजतर्रार पत्रकार हैं.
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