Riwa S. Singh-
एक बात बताऊं, बिना आहत हुए समझेंगे?
‘चूतिया’ शब्द का अर्थ बेवकूफ़, बुद्धू, कम बुद्धि वाला होता है। आप अपना दिमाग और अधूरा व्याकरण लगाकर संधि-विच्छेद कर इस शब्द में जो आविष्कार करते हैं न, वह ग़लत है।
गूगल वाला अर्थ मुझे न बतायें, गूगल को आप जैसे होनहार ही बताते हैं।
गूगल पर सही अर्थ भी मौजूद है लेकिन ग़लत वाले को आपने इतनी बार फेटा है कि वह भी मिल रहा है।
बटरफ़्लाय में बटर नहीं होता, संदेश का अर्थ देश-संबंधी नहीं होता, महारथी में कोई रथ नहीं होता फिर सारी खोज आपलोग ‘चूतिया’ में ही क्यों करते हैं?
प्रतिभाशाली पत्रकार रीवा सिंह की उपरोक्त पोस्ट पर आईं ढेरों प्रतिक्रियाओं में से कुछ चुनिंदा देखें-
Anu Shakti Singh
च्युत से आया है चूतिया। मतलब अधम, मूर्ख… पर चूतिए नहीं समझेंगे ये सब।
Abhishek Kumar Mishra
मैंने कुछ लोगों के संधि विच्छेद के कारण ही ये लिखना छोड़ दिया
Riwa S. Singh
हाँ, लिखो फिर इन्हें समझाओ कि तुम्हारे दिमाग में गोबर है…कबतक ऐसा करेगा कोई! लिखना ही छोड़ेगा।
Vikas Mishra
एक ज्ञान मैं भी जोड़ दूं। इस बहुप्रचलित शब्द का संस्कृत में अर्थ होता है-आम। जी हां खाने वाला आम। अभिज्ञान शाकुंतलम में इसका जिक्र आया है।
Deepankar Patel
चूतिया एक ट्राइब है असम की…. जिसके लोगों को प्रकृति प्रेमी माना जाता है, सीधे लोग होते थे..
Riwa S. Singh
हाँ, ये भी पता था। अभी तो लोग मौलिक अर्थ नहीं पचा पा रहे, इतना विश्लेशण समझने का धैर्य किसमें है।
Deepak Saun
लेकिन हिन्दी के चूतिया से उसका सम्बन्ध नहीं है। हिन्दी में मतलब बेवकूफ ही है।
Reena Kausar
अपने अम्मा-पापा को चूतिया बोलते चुतियानंदन नहीं देखे मैंने, बाकी सब चूतिया हो जाते हैं. बल्कि उनके सामने ये शब्द इस्तेमाल भी नहीं किया जाता, जब गाली नहीँ है तो खुल कर बोलो, परिवार के सामन, बॉस के सामने, प्रोफेशनल मीटिंग्स में…
Riwa S. Singh
हमारी ओर तो घरों में भी सामान्यतः बोला जाता है। लखनऊ से लेकर गोरखपुर, मिर्ज़ापुर, बनारस, सोनभद्र, पटना, दरभंगा, गया, मुज़फ़्फ़रपुर… हर जगह। बल्कि इधर MC-BC और पता नहीं क्या-क्या जो कॉमन है, वो बोलने पर जूते पड़ जाएं।
Shalu Suman Awasthi
Hme toh graduation k bad smjh aya wrna pagal hi smjhte the
Riwa S. Singh
जो समझती थी वही मतलब होता है, बहन।
Vikash Rishi
स्कूल के दिनों में हिन्दी के शिक्षक ने ‘चूतिया’ शब्द का एक संतोषजनक और वैज्ञानिक अर्थ बताया था। आज तक याद है। उस अर्थ के अनुसार दुनिया में जन्में ज़्यादातर इंसान ‘चूतिया’ होते हैं।
कपिल देव
ये आपका स्तर नहीं है! इस कीचड़ में हमे ही पड़ा रहने दीजिए!
Riwa S. Singh
सर, दिल्ली में 10 साल से अधिक हो गये लोगों को समझाते हुए। सब अपने आप ही समझदार बन लेते हैं।
रावत रवींदु
चूतिया शब्द … का मतलब बेवकूफ ही होता है… हालांकि एक शख्स ने मुझे इस शब्द के इस्तेमाल पर… जो कि मेरी पोस्ट पर था…. ना कि उसकी पोस्ट की टिप्पणी पर….फिर भी उसने मुझे अन्फ्रेंड कर दिया….ये कहकर कि…आपसे ऐसे अश्लील शब्द के प्रयोग की उम्मीद नहीं थी…
Ishnath Jha
प्राय: सभी भाषाओं में कई शब्द अपना अर्थ बदल लेते हैं ! हिन्दी में तो कई शब्द स्थान विशेष पर भी अर्थ बदल लेते हैं !
Riwa S. Singh
ऐसा तब होता है जब हम हिन्दी की उपभाषाओं व बोलियों का इस्तेमाल करते हैं। हिन्दी, जिसे खड़ी बोली कहा जाता है, में ऐसा नहीं होता।
Raj Verma
पोस्ट के मूल स्वर से विषयान्तर है किन्तु खड़ी बोली में भी समय के साथ कुछ शब्दों का दूसरा ( और अलग ही, विकृत ) अर्थ प्रचलित हो गया है. ‘चकला’ रसोई का उपकरण है जिस पर रोटी / पूड़ी बेली जाती है किन्तु अब अलग ही अर्थ में प्रचलित है ( यद्यपि उसका वो अर्थ भी था ) पहले ‘लल्लू’ एक सामान्य नाम हुआ करता था, मेरे ताऊ जी का भी नाम लल्लू प्रसाद है किन्तु अब लल्लू और ही अर्थ में प्रयुक्त होता है, संज्ञा न होकर विशेषण हो गया है. दूसरी ओर ‘चूतिया’ का यौन कुण्ठात्मक / अव्याकरणीय सन्धि विच्छेद करके जो पहला शब्द किया जाता है, उसका दूसरा अर्थ ‘आम’ – फल भी है किन्तु वो संस्कृत काव्य में ही कुछ कवियों द्वारा प्रयुक्त किय गया है.
अश्विनी आशा सिंह
जिस परिपेक्ष में आप ने लिखा है वो कही maharashtra से तो सम्बंधित नही है हम लोग अक्सर दोस्तों को बुलाते है।एक मराठी कलिग़ है वो बताने लगे इसका BARC में उनकी किसी बैचमेट लड़की ने बोल दिया सब के सामने वो सब अवाक तो हमें बोले ये हमारे किए सामान्य शब्द है आप लोगों ने ग़लत पढ़/सोच लिया है
Riwa S. Singh
महाराष्ट्र-दिल्ली हर जगह यही हाल है।
दीप संदेश
कतार से फेमस यूटूबर्स हैं जिन्होंने बहुत शब्दों को सामान्य बनाने की कोशिश है … लेकिन दिल्ली में ये शब्द सामान्यतः इस्तेमाल नहीं किये जाते..
Richa Thakur
हम इसी आशय के साथ बोला करते थे, लेकिन फिर इसका अलग ही इंटरप्रेटेशन देखा। तो बन्द ही कर दिया
Riwa S. Singh
इधर ही इसके अर्थ का अनर्थ करते हैं लोग। नहीं पता तो सामने वाले की सुनते भी नहीं, जो आता है वही थोपते हैं।
Deepak Saun
कई बार कोशिश किया हूँ ये बात बताने की कि भैया चूतिया एक पूरा शब्द है, बोले तो एटोमिक। इसके हिस्से नहीं किये जा सकते।
लेकिन लोग अपने अपने चूतियापे में मगन। क्या कीजे!!!
Simran Samar
चूतिया को लोग गाली कहते। इधर कू।
Riwa S. Singh
इधर के लोग समझतेइच नहीं हैं।
Parul Budhkar
कर दी ना पूरबियों वाली बात!! पूरबियों का सबसे प्रिय शब्द…
Riwa S. Singh
You pahadi! जैसे ही नोटिफ़िकेशन देखा, मुझे पूरी उम्मीद थी आपने यही लिखा होगा।
Parul Budhkar
15 साल हो गए ये explaination सुनते हुए.. कि ये कोई गाली नहीं है!
Riwa S. Singh
मानती आप फिर भी नहीं हैं। क्या फायदा?
Parul Budhkar
यार सुनने में अच्छा नहीं लगता ये शब्द! क्या करें. by the way… am not a pahadi! Am a UPian!!
Abhishek S. Sharma
असल मे ‘क्यूटिया’ सही शब्द होता है, डफर लोगों ने बिगाड़ दिया इसे। भोले भाले और इनोसेंट लोग क्यूट होते हैं जिनको कोई भी बेवकूफ बनाकर खुश होता है। बुंदेलखंड में ऐसे लोगों को ‘सिर्री’ बोलते हैं।
Riwa S. Singh
अरे नहीं भाई, चूतिया अपने आप में शब्द है। आपको पता है इस नाम की एक tribal कम्युनिटी है, वो लोग बेहद सीधे होते हैं। सीधों को दुनिया मूर्ख ही तो समझती है।
Sindhuvasini Tripathi
UP me chutiya ko bewkoof ko sense mein bolte hain. Delhi aakar pata chala
Riwa S. Singh
दिल्ली वालों ने अर्थ का अनर्थ कर डाला है।
Rakesh Agarwal
मुझे नहीं पता था। जीवन भर ऐसे शब्द सुनकर असहज रहा। अब टीवी पर अपशब्द इतना आम हो गए हैं कि घर में टीवी ही नहीं देख पाता हूं।
क्या मैं तुम जैसों के लिए भी unkil हो गया हूं?
Sudhir Shrivastva
इस शब्द के लिये आज भी हम सहज नही होते
Pankaj Srivastav
हम बचपन में इस गाली पर बहुत पिटाये हैं
Riwa S. Singh
यही तो बता रही हूं सर कि ये गाली है ही नहीं।
Pankaj Srivastav
हम यही तर्क देते थे उस वक़्त, अब पीटने वालों को बतायेंगे कि मेरी व्याख्या पर Riwa S Singh की भी मुहर लग चुकी है, अतः वे लोग अपनी गलती पर खेद प्रकट करते चलें
Riwa S. Singh
घरवालों ने तो नहीं मारा था न? पता चला वो मुझे भी पीटने आ गये।
Pankaj Srivastav
अरे हाँ, हाँ, हम domestic violence के ही शिकार हुए और वो भी बड़ी दीदियों के
disclaimer: यहाँ domestic violence का अर्थ हल्के फुल्के में लिया जाये, ये भाई बहनों के बीच का मामला है.
इन्हें भी पढ़ सकते हैं-
Goldy
December 26, 2020 at 5:56 pm
एक शब्द और हे
भोसड़ी के
इसकी भी व्याख्या करे
आनंद कुशवाहा
December 27, 2020 at 4:03 pm
गायत्री मंत्र में आए शब्द प्रचोदयात् पर तथाकथित महा ज्ञानी क्या कहेंगे?
RAUSHAN SING
September 25, 2023 at 10:08 am
Bhai aanand kuswaha jaise logo ko hi chutia kaha jata hai jo karan n hone par bhi kissee ko paresani dete hai matlab sare gyaniyo ka man rakhte huee bhai ne gayegtri mantr ke ek sabd ko matlab jisne likha ussko sidha pramars ye hai ki kuswaha bhai ne ma gayetri ka apman karne ka bichar dimag me laye sidhar aarth ye hai ki bina koi matlab mujhe paresan kiya issiko to kehte hai Chu***ya
Kuswaha bhai – प्रचोदयात् ka matlab – prerna , badhana, jodna , aage badhana
Mudabbir Ali
March 20, 2021 at 5:46 pm
भाईयो, चूतिया को समझने के लिए ये जानना होगा की इसका पर्यायवाची शब्द क्या है,,,, और इसके अंदर की क्या परिभाषा है,,,,
ज्यादातर देखा गया है की, किसी व्यक्ति के द्वारा कोई काम अगर सक्षम तरीके से न किया जाए और उसमें बेवकूफी करदे तो उसको चूतिया कह देते हैं,,,,
इसी प्रकार अगर कोई व्यक्ति ज्यादा गलत काम करदे तो उसको भोसड़ी वाला कह देते हैं,,,
अगभग दोनो ही शब्द योनि से संबंधित हैं
चलो तो चूतिया शब्द को समझते है,,,,, इसका अर्थ है जो पहली औलाद है जो चूत से जन्मा है उसको चूतिया कहा जाता है
और जो दूसरी औलाद हो या दूसरी के बाद की औलाद उसको भोसड़ी वाला बोलते हैं,,,,
क्योंकि उसने चूत के बाद जन्म लिया है अर्थात उसने भोसड़े से जन्म लिया है अब समझने वाली बात ये है की चूत और भोसड़े में क्या अंतर है तो मुझे ये बताने की जरूरत नहीं है भारत के किसी नागरिक को
धन्यवाद
Vimal Kishore Mishra
November 11, 2021 at 3:23 pm
खेद की बात है कि चूतिया शब्द को लेकर बेमतलब की बहस हो रही है। संस्कृत में एक शब्द है-अच्चुत। अच्युत का अर्थ है जो अपने निर्णय या आसन से पतित न हो, अपने वचन और कर्म से जो न डिगे। जो अपने कर्तव्य, वचन या स्थान से डिग गया, उसे च्युत कहते हैं। इस शब्द में -इया प्रत्यय लगाने पर क्षतिपूरक दीर्घीकरण के कारण य का लोप (क्षति) हो जाता है और उसमे लगे उ की मात्रा का दीर्घीकरण के कारण ऊ की मात्रा में बदल जाता है। परिणामस्वरूप चूतिया शब्द बनता है। चूतिया का व्युत्पत्तिमूलक अर्थ है जो अपने स्थान, वचन या कर्त्तव्य पर कायम नहीं रह पाता। मध्ययुगीन काल में होने वााले युद्धों से जो सैनिक पीठ दिखाकर भाग निकलते थे, उन्हें चूतिया कहा जाता था। कालांतर में ऐसे डरपोक सैनिकों को कलम पकड़ाकर कार्यालयों में काम कराया जाने लगा। कुछ समय बाद यह उन लोगों का कुलनाम बन गया, भले ही वे अपने कर्त्तव्य पर क्यों न टिके रहें। असम में चूतिया एक कुलनाम है। आजकल उन्होंने इस शब्द की ऐसी-तैसी होते देखकर इसे चेतिया में बदल लिया है। महाराष्ट्र में भी इसी तरह चूते कुलनाम प्रचलित है।
पदम सिंह
August 13, 2022 at 7:39 am
हम संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका का हिंदी अर्थ चूत ।।
Darpan Dhanik
March 13, 2023 at 10:44 am
I think l should export such well researched taboos. Whole world should know what we are best at.
Profit SAARE ******** MEIN BANTEGA.