Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

तीन टन ड्रग्स में दांव पर 21000 करोड़ रुपए : इतनी बड़ी डील राजनीतिक संरक्षण के बिना सम्भव ही नहीं, कौन है वो?

श्याम मीरा सिंह-

70 साल में पहली बार एक नया विश्व रिकॉर्ड मोदी जी के नाम! खुद को राष्ट्रवादी हिंदू कहने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य में उनके परममित्र गौतम अडाणी के बंदरगाह पर देश के युवाओं को तबाह करने वाली नशीली दवाओं का दुनियाभर में अब तक का सबसे बड़ा 21,000 करोड़ रुपए मूल्य का करीब 3 हजार किलोग्राम (3 टन) जखीरा पकड़ा गया है लेकिन खुद को राष्ट्रवादी बताने वालों को सांप सूंघ गया है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

गांजे की 40-50 ग्राम की पुड़िया मिलने पर महीनों तक हंगामा मचाये रखने वाले तथाकथित मीडिया के बीच श्मशान जैसी खामोशी पसर गई है।

सभी जानते हैं कि दुनिया भर में एक ही जगह पर एक ही छापे में ड्रग्स की इससे बड़ी बरामदगी कभी नहीं हुई लेकिन विश्वगुरु और युगपुरुष कहलाने वाले मोदी के कार्यकाल में बने इस शर्मनाक वर्ल्ड रिकॉर्ड पर चारों तरफ़ सन्नाटा है तो क्यों?

अफ़ग़ानिस्तान से ईरान के रास्ते लाई गई यह ड्रग विजयवाड़ा की जिस कंपनी के नाम पर मंगाई गई है, उसके मालिक एम. सुधाकर और उनकी पत्नी दुर्गा वैशाली की कुल मिलाकर आर्थिक हैसियत इतनी बड़ी नहीं है कि वह 21,000 करोड़ रुपए की हेरोइन का सौदा कर सके। जबकि इस धंधे में सभी लेन-देन नकद होता है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

तो सवाल यह है कि इस दांव पर लगाई गई 21 अरब रुपए की रकम किसकी है? इसके अलावा एक अन्य प्रश्न यह उठता है कि यह गोरखधंधा किसी उच्च स्तरीय राजनीतिक आश्रयदाता के बिना सम्भव ही नहीं है तो फिर वह कौन है?

हालांकि इस मामले में डीआरआइ ने अब तक कुल 8 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें 4 अफगान, एक उज्बेक और आयातक-निर्यातक कोड धारक समेत तीन भारतीय शामिल हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

चूंकि तस्करी का यह जखीरा संघ के सर्वश्रेष्ठ स्वयंसेवक मोदी जी के लाड़ले गौतम अडाणी द्वारा संचालित पोर्ट पर बरामद हुआ है तो गोदी मीडिया कोई सवाल नहीं पूछ रहा है। सवाल स्वघोषित राष्ट्रवादियों की सरकार के आका की इज्जत को बचाने का है। गांजे की एक मामूली-सी पुड़िया बरामद होने पर चौबीस घंटे चीखने-चिल्लाने वाले भौंपू चैनल भी इस मसले पर मुंह नहीं खोल रहे हैं और पूरा तंत्र अडाणी को क्लीन चिट देने के लिए ही चुप्पी साधे बैठा हुआ है। ऐसा लग रहा है गलती से ड्रग्स के इस काले धंधे का पर्दाफाश हो गया है और राष्ट्रीय सुरक्षा को ठेंगे पर रखते हुए मोदी सरकार अपने आका अडाणी की प्रतिष्ठा को बचाने के लिए जी-जान से जुट गई है।

बात-बे-बात राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा को बीच में घसीट लाने वाले शातिर आज इस शर्मनाक विश्व रिकॉर्ड पर बिलों में छिप गए हैं तो क्यों?

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement