-Abhishek Srivastava-
MX Player पर HIGH देख डालें। बढ़िया वेब सीरीज है। इसी तरह Eros Now पर HALAHAL देख डालिए। दोनों डार्क हैं, संतुलित यथार्थ हैं। दो रात पूरी गई इस चक्कर में, लेकिन अफसोस नहीं हुआ।
HIGH की बुनावट की दो विशिष्टताएँ हैं! पहला, कहानी के भीतर अतीत और वर्तमान समानांतर चलते हैं लेकिन फ्लैश्बैक वाली ट्रडिशनल शैली में नहीं, अलग-अलग, वो भी हरेक एपिसोड के भीतर।
ये शैली मेरे खयाल से हिन्दी की वेब शृंखलाओं में पहली बार आजमाई गई है।
दूसरी बात, JL50 की तरह यह घटिया साइंस फिक्शन नहीं है, बल्कि इसके कुछ ठोस आधार मौजूद हैं। सत्ता, कॉर्पोरेट, विज्ञान और जनहित के आपसी संबंधों को यह कहानी खोल कर रख देती है।
अंत में किसकी जीत होती है पता नहीं, लेकिन यह गठजोड़ ब्रेक करने वाले पत्रकार की ज़िंदगी जरूर तबाह हो जाती है।
Halahal कुख्यात व्यापम घोटाले पर बनी है। कहानी में कहीं कोई आदर्श नहीं, कोई हीरो नहीं है, कोई हेरोइज़म भी नहीं। व्यवस्था अंत में सबको निगल जाती है। जो नहीं निगले जाते, उन्हें निपटा दिया जाता है।
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