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सुख-दुख

इस आईपीएस ने क्या ग़ज़ब जुनून पाला!

सुजीत सिंह प्रिंस-

आईपीएस संतोष सिंह। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के एसएसपी। ये पुलिसिंग में सोशल कंसर्न पिरोने के लिए विख्यात हैं। इन्हें जुनून है नशा को जड़ से उखाड़ने का, शिक्षा को ग़रीब बच्चों का साथी बनाने का।

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ये जुनून अच्छा है न। काश ऐसा ही सकारात्मक जुनून हर एक आईपीएस आफ़िसर पाल ले तो अपने देश समाज का चेहरा ही निखर जाए। संतोष जहां जिस जिले में रहते हैं, वहाँ की कोई एक बड़ी सामाजिक समस्या की शिनाख्त कर उसके ख़ात्मे के लिए पुलिस फ़ोर्स की पूरी ताक़त झोंक देते हैं। उन्होंने भटके बच्चों को सही राह पर लाने के लिए ज़ोरदार काम किया है। ग़रीब और आवारा बच्चों को मुख्यधारा में लाकर स्कूल से कनेक्ट करने में महती भूमिका निभाई है।

संतोष सिंह मूलतः यूपी के ग़ाज़ीपुर जिले के निवासी हैं और उच्च शिक्षा प्रतिष्ठित जेएनयू से हासिल की है।

सामाजिक प्रतिबद्धताओं को लगातार जीने के कारण संतोष को बेहतरीन पुलिसिंग के लिए अंतरराष्ट्रीय अवार्ड तक मिल चुका है। देखिए पढ़िए उनकी टीम की नई पहल, नई कहानी।

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बिलासपुर पुलिस के निजात अभियान के तहत ताबड़तोड़ कार्यवाही, व्यापक जनजागरुकता कार्यक्रम और नशे के आदी लोगों की काउंसलिंग ने सैकड़ों व्यक्तियों को दिलाई नशे से निजात

एक शराब कोचिया ने खोली गन्ने के जूस की दुकान तो दूसरी नशे की व्यापारी महिला ने शुरू किया चाय की गुमटी, कुछ का परिवार पुनः बसा, कई ग्राम में ग्रामीणों ने अपने गांव में की शराबबंदी, पुलिस विभाग के कर्मचारी ने पाई मदद

बिलासपुर पुलिस द्वारा ड्रग्स, नारकोटिक्स और अवैध नशे के विरुद्ध मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आदेश पर, आईजी बद्री मीना और पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह के निर्देश पर निजात अभियान चलाया जा रहा है जिसमें सख्त कार्यवाही, व्यापक जनजागरुकता कार्यक्रम और नशे के आदी लोगों की मदद शामिल हैं। जिले के विभिन्न संस्थाओं और सभी वर्गों के साथ ही अभियान में बच्चों के लिए काम करने वाली अंतराष्ट्रीय संस्था यूनिसेफ और यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम (यूएनओडीसी) भी जुड़कर मदद कर रहे हैं।

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अभियान के पिछले पांच माह में पिछले सालों की इसी अवधि की तुलना में आईपीसी के कुल अपराधों में 12 फीसदी की कमी आई हैं। मारपीट में 12 फीसदी, हत्या के प्रयास में 66%, हत्या में 21%, चाकूबाजी में 74 प्रतिशत, छेड़छाड़ में 46 फीसदी और चोरी में 21% की आई कमी। आबकारी और एनडीपीएस के मामलों में बढ़ते कायमी से कुल पंजीबद्ध अपराध 18 प्रतिशत बढ़े और सड़क दुर्घटना 2 प्रतिशत बढ़े। सड़क दुर्घटना की लगातार बढ़ोत्तरी की दर भी पहले की तुलना में काफी कम हुई।

एएसपी राजेंद्र जायसवाल व राहुलदेव शर्मा ने बताया कि अभियान के पांच माह के दौरान ही एनडीपीएस व आबकारी में ताबड़तोड़ कार्यवाही में कुल 2454 प्रकरणों में 2579 लोग गिरफ्तार हुए (आबकारी में 2442, एनडीपीएस में 137 आरोपी), जिसमे गैर- जमानतीय प्रकरणों में 402 आरोपी जेल भेजे गए।4804 लीटर अवैध शराब, 640 किलो गांजा, 15 ग्राम चरस, 10 हजार इंजेक्शन, 879 नग सीरप, 953 बोनफिक्स, 5 ग्राम एमएएमडी सहित अन्य नशीले पदार्थ जप्त हुए। सीएसपी और एसडीओपी के सुपरविजन में सभी थाना प्रभारियों द्वारा लगातार कार्यवाही से अपराधियों में हड़कंप मचा हुआ है।सार्वजनिक जगहों पर नशा करने वालों की खैर नहीं हैं।

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शराब पीकर वाहन चलाने वाले 825 लोगों के विरुद्ध 185 MV एक्ट की कार्यवाही कर जप्त वाहन को माननीय न्यायालय पेश किया गया जहां प्रत्येक पर दस दस हजार रुपए का जुर्माना हुआ हैं। कोटपा एक्ट के अंतर्गत 568 कार्यवाही में फ्लेवर्ड तंबाकू, हुक्का पाट, पाइप कोल, जप्त हुए।

नशे के विरुद्ध जनजागरुकता के तहत लोगों के सहयोग से स्कूल कॉलेज और सार्वजनिक जगहों पर कुल 1906 जागरूकता कार्यक्रम किए गए। अभियान के तहत नशा करने वालों के लिए थाना स्तर पर काउंसिलिंग का भी आयोजन हो रहा है।

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इस अभियान से सैकड़ों लोगों को नशे से निजात मिली हैं। व्यापक जागरूकता कार्यक्रमों से प्रभावित हो लोग नशे से दूर हुए हैं। नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने से आसानी से उपलब्ध हो रहे नशीले पदार्थ की उपलब्धता में कमी से सैकड़ों लोग जो नशे के आदी नहीं बल्कि शौकिया नशे के सेवन कर रहे थे, वो लोग नशे के खतरनाक लत से बचे हैं। जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान के कारण सैकड़ों लोगों के जीवन में परिवर्तन आया है। उनकी कहानियां सामने आ रही हैं।

तखतपुर थाना अंतर्गत में निरंजन साहू शराब कोचियागिरी, शराब बिक्री का काम करता था, लेकिन निजात अभियान दौरान शराब बिक्री छोड़ कर गन्ना रस का दुकान संचालित कर रहा है। खुद को भी नशे से दूर कर लिया है। अभियान के पूर्व तखतपुर क्षेत्र के ग्राम सिरसहा तथा ग्राम लिदरी में बड़े पैमाने पर शराब बिक्री होती थी, लेकिन अब ग्रामीणों द्वारा सिरसहा तथा लिदरी में पूर्ण रूप से शराबबंदी घोषित की गई है। पुलिस विभाग के थाना तखतपुर के प्रधान आरक्षक बाबूराम पोर्ते शराब के लत से ग्रसित थे, लेकिन निजात अभियान के तहत काउन्सलिंग से मदद पाकर शराब पीना पूरी तरह बंद कर दिया है।

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तोरवा थाना अंतर्गत नशे का व्यापार में लगी शिवानी (बदला हुआ नाम) जिस पर पुलिस ने बार बार कार्यवाही की, उसने चाय गुमटी के साथ पान ठेला खोलकर सामान्य जीवनयापन शुरू किया है। पहले वह रेल्वे स्टेशन बुधवारीबाजार में अवैध नशे का धंधा कर रही थी। पुलिस की लगातार कार्यवाही और दबाव से उसने व्यापार छोड़ शिवानी नशे के धंधे से खुद को मुक्त किया है और एक उत्तरदायी नागरिक के रूप में अपनी छोटी सी दुकान चला परिवार का खुशहाली से जीवन यापन करना शुरू किया है।

सिविल लाईन थाना अंतर्गत सिकंदर महिलांगे पिता छोटेलाल महिलांगे, उम्र 28 साल जरहाभाठा राजीव गांधी चौक में रहते हैं। वे रेत घाट और अन्य स्थानों पर चौकीदारी का काम करते हैं। पिछले 6-7 सालों से वे शराब और अन्य नशे के आदी हो गए थे और हर दिन नशे में लिप्त होते थे। परंतु निजात अभियान के माध्यम से उन्होंने नशे के हाथ से मुक्ति प्राप्त की है। अब वे पिछले तीन हफ्ते से कोई भी नशे का सेवन नहीं कर रहे हैं और उनका खर्चा भी कम हो गया है। अब उनका परिवार भी उन्हें अधिक समय दे पा रहा है। थाना सिविल लाईन के प्रभारी परिवेश तिवारी ने नशे के हालात में सिकंदर से मिलकर उन्हें सही राह दिखाई और मानसिक रूप से उन्हें समर्थ किया। डॉक्टर और मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञों की मदद से भी नशे की आदत को कम करने के लिए काम कर रहे हैं।

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तारबाहर थाना अंतर्गत राहुल पटेल, दीपक पटेल, और राजा कोरी नामक तीन युवकों ने नशे की आदत से मुक्ति प्राप्त की है। डॉक्टर और सामाजिक कार्यकर्ताओं की सहायता से काउंसलिंग और स्वास्थ परीक्षण कराकर उन्हें नशे से मुक्ति प्रदान की गई। राहुल पटेल, दीपक पटेल, और राजा कोरी के नशे के साथ खुद से संघर्ष का परिणाम है कि वे नशे की लत से छुटकारा पा रहे हैं। अभियान के माध्यम से उन्होंने नशे को छोड़ने के लिए सक्रिय रूप से काम किया और निःशुल्क दवाईयों का उपयोग किया।

थाना सिटी कोतवाली में राजू केवट उर्फ कांचा केवट पिता मोहन केवट, उम्र 29 वर्ष, निवासी टिकरापारा तालाब के पीछे में रहते हैं। राजू केवट का पिछले 6-7 सालों से शराब और अन्य नशे के आदी होने का मुख्य कारण था। इससे वह हर दिन नशे में लिप्त होते थे। नशे के प्रभाव से मुक्ति प्राप्त करने के लिए उन्होंने थाना सिटी कोतवाली के नशे के खिलाफ निजात अभियान का सहारा लिया। अभियान के माध्यम से राजू केवट अब पिछले एक माह से कोई भी नशे का सेवन नहीं कर रहे हैं और उनका अनावश्यक खर्चा कम हो गया है। थाना सिटी कोतवाली के पुलिस अधिकारियों ने राजू केवट को सही राह दिखाई और मानसिक रूप से संबल दिया। वे भी डॉक्टर्स द्वारा सुझाए गए दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं।

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सकरी थाना क्षेत्र के अनिल जायसवाल, पिता मोतीलाल जायसवाल, उम्र 47 वर्ष, बंधवापारा सकरी के निवासी हैं। वे ठेला लगाकर फल बेचने का काम करते थे और कई सालों से नशे के आदी रहे थे और कर्ज में डूब गए। नशे की आदत से बचने के लिए उन्होंने थाना सकरी के निजात अभियान का सहारा लिया। पुलिस चौपाल और जागरूकता अभियान के माध्यम से उन्हें डॉक्टर से परीक्षण करवाया गया और नशे से दूर रहने के उपाए बताए गए। धीरे-धीरे दवाइयों के सेवन से उन्हें नशा छोड़ने में सफलता मिली। अब उनके घर में पारिवारिक कलह से शांति है और वे लोगों की मदद करने को खुशी महसूस करते हैं। अब अनिल जायसवाल भविष्य में भी नशे का सेवन न करने का प्रण किया है और अपने आसपास के लोगों को भी नशा छोड़ने के लिए प्रेरित करेंगे।

महिला थाना के परिवार परामर्श केंद्र द्वारा निजात के तहत काउन्सलिंग से दर्जनों परिवारों को बिखरने से बचाया गया है। आवेदिका रोशनी भारती द्वारा परिवार परामर्श केन्द्र बिलासपुर में अपने पति जशवंत भारती के खिलाफ शिकायत आवेदन लगाई। आवेदिका का कहना था कि आवेदिका की शादी 2021 में सामाजिक रीति रिवाज से हुआ था और पति आये दिन शराब पीकर आता है और लडाई झगडा कर मारपीट करता है। जिसपर थाना प्रभारी और काउसलर द्वारा निजात कार्यक्रम के तहत पति को कई बार समझाया गया। पति का कहना है कि मै अपनी पत्नी और बेटी को अच्छे से रखूंगा मारपीट और शराब का सेवन नही करूंगा कमाउगा। दोनो के आपसी रजामंदी से राजी खुशी रहना लेख कराये जिसपर दोनो पक्षो को समाईश देकर समझौता कराया गया। कई बार काउन्सलिंग से पति ने बताया उसने शराब सेवन छोड़ दिया है और पति पत्नी अच्छे से रह रहे हैं।

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एक अन्य प्रकरण में आवेदिका नंदरानी विश्वकर्मा थाना कोटा क्षेत्र महिला परिवार परामर्श केन्द्र में उपस्थित आई। आवेदिका की शादी 2022 को पति के साथ सामाजिक रीति रिवाज से हुआ था। आवेदिका अपने ससुराल में कुछ दिन ठीक से रही उसके बाद पति शराब पीकर आता और गाली गलौच कर वाद विवाद कर मारपीट करता था। आवेदिका अपने पति के शराब पीने के आदि से परेशान थी। पति और ससुराल वालो को बुलाकर समझाया गया। पति का कहना है कि अपनी पत्नी का ख्याल रखूंगा और शराब नही पियूँगा लेख कराया है पति और आवेदिका राजी खुशी साथ में रहना लेख कराया जिसपर आपसी सहमति से राजी खुशी रहना बोलने पर समझौता कराया गया। पति की काउंसलिंग जारी है।


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