सन्तोष सिंह
आखिर सुशान्त मर्डर केस का मुजरिम कितना बड़ा है कि जांच के नाम पर टाइम पास कर के लीपापोती हो रही है और जब बिहार पुलिस जांच के लिए पहुंचती हैं तो एक आईपीएस अधिकारी को जांच करने से रोक दिया जाता है?
मतलब क्राइम भी करो और जांच भी न होने दो। हम एक लोकतंत्र में जी रहे हैं या डिक्टेटरशिप में?
पढ़ें बिहार के डीजीपी का बयान-