आजमगढ़ के एक बददिमाग अफसर ने वरिष्ठ पत्रकार एसके दत्ता उर्फ कबीर के आफिस को जमींदोज कर दिया. वरिष्ठ पत्रकार को न्याय दिलाने के लिए आजमगढ़ के पत्रकार, मीडिया संगठन, सिविल सोसाइटी और गणमान्य लोग कमर कस चुके हैं. इसी सिलसिले में पांच अप्रैल को दिन में साढ़े ग्यारह बजे आजमगढ़ के गांधी तिराहे पर सत्याग्रह का आयोजन किया गया है. इस सत्याग्रह में शिरकत करने के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश के सभी मीडियाकर्मी निमंत्रित हैं. 5 अप्रैल को गांधी प्रतिमा पर ‘सत्याग्रह’ के आयोजन के जरिए वरिष्ठ पत्रकार एसके दत्ता को न्याय दिलाने के लिए बुलंद होगी आवाज.

Arvind Kumar Singh-
यह सत्याग्रह है न्याय के लिए. यह सत्याग्रह है तानाशाही के खिलाफ. यह सत्याग्रह है अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए.
यह सत्याग्रह है पत्रकारिता की अस्मत और अस्मिता के लिए. यह सत्याग्रह है एक बुजुर्ग पत्रकार को न्याय दिलाने के लिए.
यह सत्याग्रह है सरकार को बताने के लिए कि उसकी नौकरशाही लोकतंत्र की गला घोंट रही है.
लोकतंत्र में नौकरशाही मालिक बन गयी है और मालिक न्याय के लिए सत्याग्रह करने पर विवश है.
योगीराज को इस पर गंभीरता से विचार करते हुए न्याय करना चाहिए.
दिनांक-5 अप्रैल 2021, समय -11:30 स्थान- गांधी तिराहा (आजमगढ़)
सिविल सोसाइटी, आजमगढ़
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