जमीनी और प्रतिभावान पत्रकारों को तलाशने और उनको भड़ास से जोड़ने के ‘भड़ास डिजिटल मीडिया सर्विस क्लब’ (BDMSC) अभियान के तहत मनीष दुबे ने जब आवेदन किया तो उनका पहले एक सप्ताह तक टेस्ट हुआ, फिर उन्हें पंद्रह दिन के ट्रायल पर रखा गया. इन दोनों चरणों को उत्तीर्ण करने के बाद उन्हें पहली दिसंबर 2023 से समाचार संपादक (न्यूज एडिटर) के पद पर भड़ास4मीडिया में नियुक्त किया गया है.
मनीष दुबे भड़ास4मीडिया में खबरों के चयन, संपादन और प्रकाशन के लिए उत्तरदायी होंगे. उनसे संपर्क उनके मोबाइल नंबर 7887262583 के जरिए किया जा सकता है. उनकी मेल आईडी [email protected] है.
कानपुर के निवासी मनीष दुबे का जीवन काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है. उन्होंने ‘जेल जर्नलिज्म’ नामक एक संस्मरणात्मक किताब भी लिखी है. ये किताब मनीष के साथ हुए एक सच्चे घटनाक्रम पर आधारित है. मनीष नौकरी ज्वाइन करने कानपुर से दिल्ली पहुंचते हैं और फिर एक शाम शराब खरीदने निकले तो अगली सुबह इनकी तिहाड़ जेल में होती है. इस वाकये का विस्तार से वर्णन है उनकी किताब में. किताब बेहद रोचक और पठनीय है. इसे आप आनलाइन मंगा कर पढ़ सकते हैं. किताब के बारे में डिटेल और आनलाइन खरीदने से संबंधित विवरण इस लिंक में उपलब्ध है-
मनीष ने विभिन्न अखबारों, वेबसाइटों और न्यूज चैनलों में काम किया है. वे अपने मौजियल और जमीनी स्वभाव के लिए जाने जाते हैं.
भड़ास से मनीष के जुड़ने को लेकर संपादक यशवंत कहते हैं- ”मनीष जी संभावनाओं से भरे पत्रकार हैं. उन्होंने जीवन में बहुतुरे अच्छे-बुरे अनुभव हासिल किए हैं. बंध कर और टिक कर जीना उनके स्वभाव का हिस्सा नहीं है लेकिन उम्मीद करते हैं कि वे बदलते वक्त के साथ खुद के व्यक्तित्व को प्रोफेशनल शेप देंगे, ज्यादा अनुशासित तरीके से जीवन जियेंगे. भड़ास के साथ बहुत कम लोग जुड़ पाते हैं क्योंकि यहां सीमित संसाधनों में परफेक्शन की उम्मीद की जाती है. तो यहां चुनौती भरी स्थितियां होती हैं. यहां सीखने और सिखाने, दोनों का मौका खूब मिलता है. यहां प्रयोगधर्मिता का पूरा सम्मान किया जाता है. यहां बंधे बंधाए फ्रेम से अलग नया कुछ कहने रचने का मौका होता है. तो मनीष जी का जैसा देसज स्वभाव है, वैसा लोटने-लिखने का जमीन-आसमान उन्हें भड़ास में मिलेगा. उम्मीद है उन्हें यहां आनंद आएगा.”
मनीष का फेसबुक- https://www.facebook.com/kkumar.manish.9
एक्स पर मनीष- https://twitter.com/manisdubey1