संजय कुमार सिंह-
आम आदमी से भी ज्यादा आम ….
रेल गाड़ियों में सामान चोरी होने लगे तो रेलवे ने चोरी रोकने (और जरूरी उपाय करने) की बजाय सीट के नीचे हुक बनवा दिए। बस अड्डों पर घोषणा होती रहती है, यात्री अपने सामान की रक्षा स्वयं करें।
हवाई जहाज की सीट के नीचे हुक तो नहीं होता है और ना हवाई अड्डों पर सामान बांधने के लिए चेन मिलती है। चोरी फिर भी होती है और सुना है अमेरिका जाने के लिए मास्टर चाभी वाले खास ताले ही लगाने पड़ते हैं। पता नहीं बिना ताला सामान ले जाया जा सकता है कि नहीं। फिर भी सुरक्षा तो चाहिए ना?
चुनाव के समय हेलीकॉप्टर से काली पेटी उतरे, जांच करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई हो जाए तो आप समझ सकते हैं कि एक व्यक्ति को कितनी सुरक्षा चाहिए हो सकती है। किससे, किसलिए – मैं नहीं जानता। लेकिन आदमी कितना असुरक्षित है इसका अंदाजा इसी से लगता है। शायद, अविश्वास की हद न हो तो यह स्थिति आती होगी।
कुछ प्रतिक्रियाएँ-