Connect with us

Hi, what are you looking for?

आयोजन

‘मुग़ले आज़म’ निर्देशक के. आसिफ जन्म शताब्दी वर्ष : इटावा में स्मारक बनाने की माँग उठी

इटावा। ‘मुग़ले आज़म’ के निर्देशक के. आसिफ के जन्म शताब्दी वर्ष में उनके अपने शहर इटावा में के. आसिफ जन्म शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया। यह आयोजन के.आसिफ़ चंबल इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल की पांचवी कड़ी के तौर पर आयोजित हुआ। समारोह में अतिथियों ने मांग की कि आसिफ़ के जन्म स्थान इटावा में उनका स्मारक बनाया जाना चाहिये।

इस्लामिया इंटर कॉलेज सभागार में ‘सिनेमा संसार: कला या बाजार’ विषय पर विमर्श में वक्ताओं ने कहा कि मुग़ले-आज़म सेल्युलाइड पर रची गयी प्रेम कविता है जो मुहब्बत का पैगाम बांटती है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यसभा टीवी के पूर्व एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर और फिल्मकार राजेश बादल और मुख्य वक्ता प्रसिद्ध फिल्म समीक्षक अजित राय रहे। इनके अलावा वरिष्ठ पत्रकार डॉ. राकेश पाठक, फिल्म क्रिटिक मुर्तजा अली खान, नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन फुरकान अहमद और इस्लामिया इंटर कॉलेज के प्रबंधक मो. अल्ताफ एडवोकेट भी मंच पर मौजूद रहे।

Advertisement. Scroll to continue reading.

चर्चा की शुरूआत करते हुए इटावा के साहित्यकार डॉ. कुश चतुर्वेदी ने कहा कि इटावा में जन्मे कमरुद्दीन आसिफ का बचपन गरीबी में गुजरा लेकिन वह धुन के पक्के थे। पूरी उम्र बेहद सादगी से रहने वाले के. आसिफ ने मुगले आजम के रूप में उस वक्त की सबसे महंगी और सफल फिल्म बनाई।

इसी दौरान के. आसिफ के नजदीकी परिवार में से एक फजल यूसुफ खान ने के.आसिफ के मकान को के.आसिफ स्मारक बनाने का प्रस्ताव रखा जिस पर वहां मौजूद सभी लोगों ने सहमति जताई। मुख्य अतिथि राजेश बादल ने इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए इटावा में के.आसिफ के नाम पर फिल्म इंस्टीट्यूट बनाये जाने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि मध्य भारत में एक अच्छे फिल्म इंस्टीट्यूट की बेहद जरूरत है तो क्यों ना इसके लिए आवाज उठाई जाए ताकि केंद्र व राज्य की सरकारें इसके लिए काम करें। उन्होंने कहा कि इटावा फिल्म का ऐसा केंद्र बने जहां से कई के. आसिफ निकलें।

Advertisement. Scroll to continue reading.

उन्होंने के. आसिफ से जुड़े एक रोचक घटनाक्रम का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि जब फिल्म मुगले आजम बन रही थी तो निर्देशक के. आसिफ ने फिल्म के प्रोड्यूसर शापुर जी पालोन जी से कहा कि उन्हें शूटिंग के लिए असली मोती चाहिए क्योंकि वह उस आवाज को सुनाना चाहते हैं जो सच्चे मोतियों के गिरने से होती है।

अधिक खर्च की वजह से उस वक्त शापुर जी इसके लिए तैयार नहीं हुए और दोनों के रिश्ते ऐसे हो गए कि बातचीत भी बंद हो गई। तभी ईद का त्योहार आया। शापुर जी एक बड़े थाल में सोने और चांदी के सिक्के लेकर के. आसिफ के पास गए। इस पर के. आसिफ ने कहा कि असली मोती लाओ, मुझे यह नहीं चाहिए। इसके बाद तराजू के एक पलड़े पर के. आसिफ बैठे और दूसरे पलड़े पर असली मोती तौले गए। जब मोती का वजन के.आसिफ के वजन से अधिक हो गया तब मुगले आजम की शूटिंग दोबारा शुरू हो पाई।

Advertisement. Scroll to continue reading.

सिनेमा संसार: कला या बाजार विषय पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे लिए आत्मा कला है और बाजार शरीर है। आत्मा कभी मरती नहीं है। कला का कोई मोल नहीं होता। उन्होंने कहा कि के. आसिफ में कला थी, वह हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे। सिर्फ 3-4 फिल्में बना कर ही वह अमर हो गए।

विश्व सिनेमा के जानकार और प्रसिद्ध फिल्म समीक्षक अजित राय ने कहा कि एक-एक घटना को पर्दे पर ऐसे उतारा कि उसकी तपिश या शीतलता को लोगों ने सिनेमाहॉल में बैठकर महसूस किया। उन्होंने कहा कि अनारकली की कहानी का जिक्र इतिहास में नहीं मिलता लेकिन के. आसिफ ने काल्पनिक कहानी और किरदार को ऐसे पेश किया जिसे हर कोई सच मान बैठा। मुगले आजम बनाना हर किसी के बस की बात नहीं है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

चर्चित फिल्म क्रिटिक मुर्तजा अली खान ने कहा कि के.आसिफ ने असंभव को संभव करके दिखाया। के. आसिफ के 100वे साल पर भारतीय डाक टिकट जारी हो।
समारोह का संचालन करते हुए वरिष्ठ पत्रकार डॉ. राकेश पाठक ने कहा कि के. आसिफ ने अपनी फिल्म के जरिये हिन्दू-मुस्लिम एकता और मुहब्बत का पैग़ाम दुनिया को दिया है। उनकी जिंदगी के तमाम पहलुओं को समेटे एक मुकम्मल किताब और दस्तावेजी फिल्म बनना चाहिए।

इटावा नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन फुरकान अहमद ने कहा कि के.आसिफ ने इटावा की खुशबू को बिखेरने का काम किया। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस महान फिल्म निर्देशक को भारत सरकार द्वारा पद्मविभूषण से नवाजा जाए। अध्यक्षता करते हुए इस्लामिया इंटर कालेज के मैनेजर मो. अल्ताफ एडवोकेट ने कहा कि हमें इस्लामियां इंटर कालेज से पढ़े के. आसिफ जैसी अजीम शख्सियत को उनके पैदाइश के सौवे साल में याद करते हुए बेहद खुशी हो रही है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस कार्यक्रम का आयोजन के. आसिफ जन्म-शताब्दी समारोह आयोजन समिति की तरफ से किया गया था जिसमें प्रेस क्लब इटावा के अध्यक्ष दिनेश शाक्य, इस्लामिया इंटर कालेज के प्रिंसिपल गुफरान अहमद, दस्तावेजी फिल्म निर्माता शाह आलम, डॉ. रिपुदमन सिंह यादव, डॉ.कमल कुमार कुशवाहा, कुलदीप कुमार बौद्ध, रूद्र प्रताप, मोहित यादव, शीलेन्द्र सिंह, डॉ. हेमंत यादव, वीरेन्द्र सिंह सेंगर, दुर्गेश चौधरी, राम सुंदर यादव, मास्टर विनोद सिंह आदि शामिल रहे। के. आसिफ जन्म शताब्दी समारोह में आए हुए फिल्म अभिनेता अवधेश चौहान, प्रसिद्ध फिल्म सिंगर डॉ. नीता और फिल्म निर्देशक डॉ. अवनीश सिंह को भी सम्मानित किया गया।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement