नोएडा से संचालित नेशनल वॉइस नामक चैनल का हाल बहुत खराब है. यहां काम करने वाले सेलरी के लिए तरस गए हैं. तीन से चार माह तक की सेलरी नहीं मिली है. दिवाली भी काली होती देख नेशनल वायस के कर्मियों ने एकजुट होकर काम बंद कर दिया और प्रबंधन से जुड़े लोगों का घेराव किया.
सेलरी न मिलने से परेशान एक मीडियाकर्मी का कहना है कि पैसे के बगैर काम कर रहे स्टाफ के लोगो में मरने-मारने वाले हालात बन गए हैं. तीन महीने से सेलरी नहीं आ रही है. प्रबंधन के लोग रोज आजकल आजकल का वादा करते हैं लेकिन उनका वादा बस वादा ही रह जाता है.
नेशनल वायस चैनल के कर्मियों ने एकजुट होकर चैनल प्रबंधन का घेराव किया. इन मीडियाकर्मियों में से एक ने अपनी पीड़ा को लिखित रूप में भड़ास के पास भी भेजा है, जिसे नीचे प्रकाशित किया जा रहा है-
सर, आपको बताना चाहता हूं कि मैं नेशनल वॉइस चैनल, जो कि मार्च महीने से नॉएडा सेक्टर 65 के B -128 में संचालित है, में काम करता हूं। सर आपको बताना चाहेंगे कि नेशनल वॉइस चैनल में मार्च 2020 से यहाँ के किसी भी पत्रकार और हेल्पिंग स्टाफ को सैलरी नहीं मिला है। पिछले 4 महीने से सेलरी न मिलने से यहां हालात इतने बुरे हैं कि कुछ दिन पहले एक पत्रकार ने आत्महत्या करने का प्रयास किया था। इसकी खबर भड़ास पर छपी थी। यहाँ सभी लोग बहुत परेशान हैं। लोग लॉकडाउन की वजह से अपने घर तक नहीं गए हैं और इस चैनल के साथ जुड़कर बड़ी शिद्दत से काम किया है। इसके बावजूद यहां के मालिकों को शर्म नहीं आती कि हमारा घर परिवार कैसे चलेगा। कभी किसी की बच्ची तो कभी बीवी तो किसी के माता पिता तो किसी के पति बीमार होते हैं। बिना सैलरी के कौन इलाज करेगा। महंगाई इस तरह हो गई है इस कोरोना काल में कि खाना खाए या दवाई, पर बिना पैसों के तो कुछ भी मुमकिन नहीं।
यहां हर रोज मालिकों द्वारा कल-कल की तारीख दे दी जाती है या फिर डरा धमका दिया जाता है।
सर कुछ नहीं समझ में आ रहा है कि क्या किया जाए। डर ये है कि अब कोई और ना आत्महत्या करने की कोशिश करे। पहला वाला तो बच गया था। अब जाने क्या हो। अगर कोई गया तो बाकी किसी का कुछ नहीं जायेगा लेकिन एक मां का बच्चा, किसी का भाई, किसी का बाप, किसी का पति ही होगा जो कि सिर्फ और सिर्फ अकेला वही परिवार झेलेगा। मैं खुद काफी परेशान हो कर लिख रहा हूं.. सर आपसे निवेदन है कि यहां के पत्रकारों के बारे में अगर ना सोचा गया तो वो दिन दूर नहीं कि लड़ाइ झगड़ा या कोई पत्रकार अपने साथ कुछ गलत कर ले।
सर आप से निवेदन है कि मेरी बातों को गंभीरता से लिया जाए। यहाँ के चार मालिकों में से एक को तो इतनी गन्दी आदत है कि वो हर फीमेल स्टाफ को गलत नजर से देखता है। उन को पर्सनल मेसिज करता है। और भी बहुत कुछ है जो हम यहाँ लिख नहीं सकते। जबसे इनमें से एक मालिक प्रवीण पाठक ने चैनल को छोड़ा है तबसे यहाँ के हालत बद से बदतर हो गए हैं। ना तो स्टाफ को सैलरी मिल रही है ना बकायादारो कों। कुछ दिन पहले ही बिल्डिंग वाले भी ताला लगाने आए थे। वो भी परेशान हैं इनकी तारीखों को लेकर।
हालत ये है कि रोज़ नए लोगों की ज्वाइनिंग होती है और पुराने को सांत्वना। हर दो महीने में चैनल हेड बदल जाता है। अतः आप से निवेदन है कि आप हमारी इस आवाज को आगे तक ले जाने में हम सबकी मदद करें। मैं यह भी उम्मीद करता हूं कि आप हमारी लड़ाई में हमारा साथ भी देंगे। हम बेहद परेशान हैं। मानसिक तौर से पीड़ित हो चुके हैं। आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हैं।
मैं सीएम योगी आदित्यनाथ से भी उम्मीद करता हूं कि अगर यह मामला उनके संज्ञान में आता है तो इन सभी डायरेक्टर पर कड़ी कार्यवाही करें। एक डायरेक्टर लखनऊ में बैठे हैं जिनका नाम वकास वारसी है। दूसरे गौरव शर्मा बरेली। तीसरे राहुल एंड ला नोएडा। चौथे दीपक शर्मा नोएडा। ऐसे में आखिर हम अपनी आवाज हम अपनी परेशानियां किसे बताएं। हम यहां पर काम कर रहे हैं लेकिन सैलरी नहीं मिलती। मिलता है तो आश्वासन।
आपके माध्यम से अपनी आवाज अपने पीएम श्री नरेंद्र मोदी जी, सीएम योगी आदित्यनाथ जी और अपने श्रम मंत्री स्वामी प्रशाद मौर्य जी तक पहुंचाना चाहते हैं। हमारी बकाया तनख्वा दिलवाने की कृपा करें। ऐसे धोखेबाज और जालसाज़ लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दें ताकि मीडिया में हो रहे इस तरह के उत्पीड़न को जल्द से जल्द रोका जा सके।
धन्यवाद
नेशनल वॉइस चैनल के पत्रकार व स्टाफ
देखें भड़ास संपादक यशवंत की एफबी पोस्ट और संबंधित वीडियो-
Yashwant: नेशनल वायस नामक न्यूज़ चैनल में कई महीने से सेलरी न मिलने से दुखी मीडियाकर्मियों ने काम बन्द कर हड़ताल कर दिया है। दिवाली की पूर्व संध्या पर खाली जेब ये मीडियाकर्मी अपने हक़ के लिए आवाज उठाए हैं। उम्मीद करते हैं गूंगा बहरा प्रबन्धन इनकी दिवाली काली न करेगा और इन्हें इनकी बकाया सेलरी देगा।
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