पत्रकारों की छापेमारी से घबराए अधिकारियों ने गिफ्ट के पैकेट बाहर फेंके, गिफ्ट के पैकेटों का आरटीआई से माँगा गया जवाब, घटनाक्रम हुआ कैमरे में शूट
मजीठिया वेज बोर्ड के अनुसार वेतन और प्रमोशन की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में लड़ रहे मुम्बई के दो पत्रकारों शशिकान्त सिंह और धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने शनिवार को महाराष्ट्र के श्रम आयुक्त कार्यालय में ऐसा सर्जिकल स्ट्राइक किया कि श्रम अधिकारी भी हक्के बक्के रह गए। ये दोनों पत्रकार काफी दिनों से देख रहे थे कि महाराष्ट्र के श्रम आयुक्त और मुम्बई शहर कार्यालय में अखबार मालिकान सहित कई दूसरी कंपनी के लोग श्रम अधिकारियों को बड़े बड़े गिफ्ट के पैकेट दे रहें हैं, जो पूरी तरह गलत है। इन दोनो पत्रकारों ने तय किया कि इस मामले का भंडाफोड़ किया जाय।
दोनों पत्रकारों ने योजना बनायी। दोनों पत्रकारों ने पहले गिफ्ट के पैकेट लेकर जा रहे लोगों का श्रम आयुक्त कार्यालय में मोबाइल से वीडियो बनाया। फिर अधिकारियों के केबिन में घुसकर गिफ्ट के पैकेट आने पर मौखिक रूप से एतराज जताया। दोनों पत्रकारों की इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया और जब तक दोनों पत्रकार कुछ अधिकारियों के केबिन में घुसते, अधिकारियों ने खुद गिफ्ट के पैकेट बाहर फेंक दिए। इसके बाद इन दोनों पत्रकारों ने फेंके गए गिफ्ट के पैकेट का भी मोबाइल से वीडियो बनाया। साथ ही श्रम आयुक्त कार्यालय के सुरक्षा रक्षक का इंटरव्यू लिया तो उसने बताया कि गाड़ियों से लोग आते हैं, गिफ्ट देकर जाते हैं। मुझे इनको रोकने या गिफ्ट के पैकेट की जांच का कोई लिखित आदेश श्रम आयुक्त या दूसरे अधिकारियों द्वारा नहीं दिया गया है। इसलिए मैं इन्हें चाहकर भी नहीं रोक सकता।
सुरक्षा रक्षक ने कई और चौंकाने वाली जानकारी दी। इसके बाद दोनों पत्रकार फिर श्रम आयुक्त से मिलने पहुंचे तो पता चला वे छुट्टी पर हैं और उन्होंने पंकज कुमार को चार्ज दिया है। दोनों पत्रकारों ने तुरंत एक आरटीआई डालकर ये जानकारी माँगी कि श्रम आयुक्त कार्यालय में पिछले चार दिनों में कितने गिफ्ट के पैकेट आये। उसकी कहाँ कहाँ जांच की गयी और इन गिफ्ट के पैकेटों को अंदर लाने की अनुमति किसने दी।
साथ ही दोनों पत्रकारों ने आरटीआई के जरिये श्रम आयुक्त कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे का चार दिन का फुटेज भी माँगा है। अब अगर श्रम आयुक्त कार्यालय ये कहता है कि हमारे यहाँ गिफ्ट के पैकेट नहीं आये तो वीडियो दिखाकर उनसे सवाल फिर पूछा जाएगा और अगर सही रिपोर्ट आ गयी तो कई अधिकारियों की नौकरी चली जायेगी। साथ ही यह सवाल भी उठता है कि गिफ्ट के नाम पर कोई भी बम या दूसरे खतरनाक सामान या रिश्वत की रकम भी तो ला सकता है, फिर पैकेटों को बिना जांच के अंदर कैसे आने दिया जाता है। फिलहाल इस सर्जिकल स्ट्राइक से श्रम आयुक्त कार्यालय में हड़कंप का माहौल है।
देखें संबंधित वीडियो : https://www.youtube.com/watch?v=G2TE6mkAGOg