
जयपुर। समाचार पत्र या टीवी चैनल पर भ्रामक समाचार प्रकाशित या प्रसारित करना एक गैर कानूनी है जिस पर द प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया कार्रवाई करता है। ऐसा ही मामला हाल ही में सामने आया है जिसमे द प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने राष्ट्रीय सामाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। क्योंकि टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपने 17 नवंबर के अंक में राजस्थान के मुख्यमंत्री को लेकर भ्रामक समाचार प्रकाशित किया था। द प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने नोटिस में बताया कि भ्रामक समाचार प्रकाशित करके पत्रकारिता आचरण के मानदंडों का उल्लंघन किया गया है।
17 नवंबर को टाइम्स ऑफ इंडिया समाचार पत्र और राष्ट्रदूत समाचार पत्र ने राजस्थान मुख्यमंत्री को लेकर झूठी ख़बर प्रकाशित की थी और लिखा था कि राजस्थान सरकार द्वारा राष्ट्रदूत समाचार पत्र को विज्ञापन नहीं देने भेदवभाव बरतने पर द प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने राजस्थान सरकार को दोषी ठहराया है।
जबकि द प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने राजस्थान सरकार को लेकर ऐसी कोई बात नहीं की है यह खबर सरासर ग़लत है। राजस्थान सरकार को बदनाम करने के लिए टाइम्स ऑफ इंडिया समाचार पत्र और राष्ट्रदूत समाचार पत्र ने इस भ्रामक समाचार प्रकाशित किया है। इस पर फिलहाल द प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने राष्ट्रीय सामाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया को नोटिस दिया है। बताया जा रहा है जल्द ही राष्ट्रदूत समाचार पत्र को नोटिस दिया जा सकता है।
भ्रमित करने वाली खबरों को चलाने वाले मीडिया संस्थानों पर द प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया कार्रवाई करता है। द प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की तरफ से नोटिस दिया जाता है।
बता दें कि राजस्थान सरकार के खिलाफ भ्रामक ख़बर चलवाने के लिए राष्ट्रदूत समाचर पत्र संस्थान ने एक प्रेस नोट जारी कर कई बड़े मीडिया संस्थानों को भेजे है। लेकिन भ्रमित करने वाली ख़बर को अन्य किसी मीडिया संस्थानों ने प्रकाशित और प्रसारित नहीं किया।
इस भ्रामक खबर को राष्ट्रदूत समाचार पत्र और टाइम्स ऑफ इंडिया समाचार पत्र ने प्रकाशित किया है जिस पर द प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने राष्ट्रीय सामाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया को नोटिस जारी कर दिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने पत्रकरिता मानदंडों का उल्लंघन किया है इस पर द प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया आगे कार्रवाई कर सकता है।