अखिलेश यादव के साथ साईकिल चलाते हुए ‘आज तक’ के राहुल कंवल का आधा घंटे का चमचई भरा इंटरव्यू करना क्या पेड न्यूज़ में नहीं आता? साईकिल पर ही बैठे हुए डिंपल यादव का इंटरव्यू करना भी। गोमती रिवर फ्रंट का भी प्रचार। [वैसे गोमती रिवर फ्रंट बहुत सुंदर बना दिख रहा है।]
याद कीजिए बीते विधान सभा चुनाव में चुनाव आयोग के निर्देश पर मायावती की बसपा के चुनाव निशान हाथी को सभी पार्कों में ढंक दिया गया था, लखनऊ से लगायत नोयडा तक। अलग बात है मायावती की बसपा बहुमत से बहुत दूर रह गई। इस बार भी पेट्रोल पंप पर से मोदी की फ़ोटो चुनाव आयोग ने हटवा दीं। ज़िक्र ज़रुरी है कि साईकिल समाजवादी पार्टी का चुनाव निशान है और कि आज तक की दिल्ली से आई टीम हफ़्ते भर से लखनऊ में डेरा डाले हुई है।
आज तक के मालिक अरुण पुरी और चैनल के पत्रकार राहुल कंवल, अंजना ओम कश्यप, जावेद अंसारी आदि समूची कैमरा टीम सहित सभी उपस्थित हैं। दिलचस्प यह कि अखिलेश यादव का इंटरव्यू खत्म होते ही उन के पिता मुलायम सिंह यादव का गुडी-गुडी वाला इंटरव्यू भी आधा घंटा का शुरू हो गया है जब कि मुलायम परिवार की एकता दौड़ का विश्लेषण अगला कार्यक्रम है। ऐसे ऐलान की एक पट्टी चल रही है। एक पुराना फ़िल्मी गाना है, क्या प्यार इसी को कहते हैं? की तर्ज़ पर पूछा जा सकता है क्या पेड न्यूज़ इसी को कहते हैं?
उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार दयानंद पांडेय की एफबी वॉल से.